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Moon during Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना अशुभ माना जाता है क्योंकि गणेश जी ने इसे श्राप दिया था. मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से इंसान पर झूठा आरोप लग सकता है और बदनामी झेलनी पड़…और पढ़ें

मान्यता और कहानी
धार्मिक मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि एक बार भगवान गणेश जी ने चंद्रमा को शाप दिया था कि इस दिन जो कोई चंद्र दर्शन करेगा, वह कलंक का भागी बनेगा. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी ने खूब सारे लड्डू खा लिए थे और उनकी सवारी मूषक उन पर बैठाकर चल रही थी. तभी रास्ते में उनका संतुलन बिगड़ा और वे गिर पड़े. यह देखकर चंद्रमा हंस पड़ा. गणेश जी को यह अपमानजनक लगा और उन्होंने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप दे दिया कि इस दिन जो भी तुम्हें देखेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा और उसे कलंक का सामना करना पड़ेगा.

क्यों किया जाता है मना
इस श्राप के कारण गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखने से रोका जाता है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है. इंसान पर झूठा आरोप लग सकता है या उसके साथ ऐसी स्थिति बन सकती है जिसमें उसे बदनामी झेलनी पड़ सकती है. इस वजह से लोग बप्पा के दिन खासतौर पर शाम के समय चांद देखने से बचते हैं.

धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
धार्मिक मान्यता के अनुसार तो यह एक आस्था से जुड़ा नियम है. लेकिन अगर वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो चांद और ग्रहों का असर इंसान की मानसिक स्थिति और व्यवहार पर पड़ता है. प्राचीन समय में लोग इस दिन को खास मानते थे और इसलिए इसे परंपरा के रूप में आगे बढ़ाया गया. यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है और इसे मानना या न मानना हर इंसान की आस्था पर निर्भर करता है.
आजकल की नई पीढ़ी हर चीज को तर्क और लॉजिक से जोड़कर देखती है. सोशल मीडिया पर भी अक्सर यह सवाल ट्रेंड करता है कि आखिर चांद देखने से कैसे बदनामी हो सकती है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं का अपना महत्व है. यह हमारे त्योहारों को और खास बनाती हैं. भले ही कोई इसे अंधविश्वास माने लेकिन करोड़ों लोग आज भी इसे पूरी श्रद्धा के साथ मानते हैं.
