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Why should you avoid looking at Moon on Ganesh Chaturthi । गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा क्यों नहीं देखते जानें मान्यता और उपाय

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Moon during Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना अशुभ माना जाता है क्योंकि गणेश जी ने इसे श्राप दिया था. मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से इंसान पर झूठा आरोप लग सकता है और बदनामी झेलनी पड़…और पढ़ें

Ganesh Chaturthi 2025: इस दिन चंद्रमा देखने से क्यों किया जाता है मना?गणेश चतुर्थी 2025
Moon during Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भक्त बड़े उत्साह से बप्पा का स्वागत करते हैं और घर में विराजमान करके पूजा अर्चना करते हैं. मिठाइयों से लेकर मोदक तक हर चीज का महत्व होता है, लेकिन एक बात जो अक्सर चर्चा में रहती है वह है, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से मना क्यों किया जाता है. यह मान्यता बहुत पुरानी है और हर साल लोग इसे लेकर जिज्ञासा रखते हैं. आज की पीढ़ी जहां इंटरनेट पर हर चीज ढूंढ लेती है, वहीं यह सवाल हमेशा ट्रेंड करता है कि आखिर बप्पा के दिन चांद को क्यों नहीं देखना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से दोष लगता है और इंसान झूठे आरोप का शिकार हो सकता है. इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी.

मान्यता और कहानी
धार्मिक मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि एक बार भगवान गणेश जी ने चंद्रमा को शाप दिया था कि इस दिन जो कोई चंद्र दर्शन करेगा, वह कलंक का भागी बनेगा. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी ने खूब सारे लड्डू खा लिए थे और उनकी सवारी मूषक उन पर बैठाकर चल रही थी. तभी रास्ते में उनका संतुलन बिगड़ा और वे गिर पड़े. यह देखकर चंद्रमा हंस पड़ा. गणेश जी को यह अपमानजनक लगा और उन्होंने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप दे दिया कि इस दिन जो भी तुम्हें देखेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा और उसे कलंक का सामना करना पड़ेगा.

क्यों किया जाता है मना
इस श्राप के कारण गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखने से रोका जाता है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है. इंसान पर झूठा आरोप लग सकता है या उसके साथ ऐसी स्थिति बन सकती है जिसमें उसे बदनामी झेलनी पड़ सकती है. इस वजह से लोग बप्पा के दिन खासतौर पर शाम के समय चांद देखने से बचते हैं.

धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
धार्मिक मान्यता के अनुसार तो यह एक आस्था से जुड़ा नियम है. लेकिन अगर वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो चांद और ग्रहों का असर इंसान की मानसिक स्थिति और व्यवहार पर पड़ता है. प्राचीन समय में लोग इस दिन को खास मानते थे और इसलिए इसे परंपरा के रूप में आगे बढ़ाया गया. यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है और इसे मानना या न मानना हर इंसान की आस्था पर निर्भर करता है.

आज की पीढ़ी और परंपरा
आजकल की नई पीढ़ी हर चीज को तर्क और लॉजिक से जोड़कर देखती है. सोशल मीडिया पर भी अक्सर यह सवाल ट्रेंड करता है कि आखिर चांद देखने से कैसे बदनामी हो सकती है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं का अपना महत्व है. यह हमारे त्योहारों को और खास बनाती हैं. भले ही कोई इसे अंधविश्वास माने लेकिन करोड़ों लोग आज भी इसे पूरी श्रद्धा के साथ मानते हैं.
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Ganesh Chaturthi 2025: इस दिन चंद्रमा देखने से क्यों किया जाता है मना?

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