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अक्षय तृतीया पर मेवाड़-मारवाड़ में हर घर की पसंद बाजरे का खिचड़ा, स्वास्थ्य के लिए गुणों से भरपूर 

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Nagaur News : नागौर में अक्षय तृतीया पर बाजरे का खिचड़ा बनाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. यह मोटापा, हृदय रोग और शुगर को नियंत्रित करता है. इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था.

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अक्षय तृतीया की परंपरा 

हाइलाइट्स

  • अक्षय तृतीया पर नागौर में बाजरे का खिचड़ा बनाया जाता है
  • बाजरे का खिचड़ा मोटापा, हृदय रोग और शुगर को नियंत्रित करता है
  • बाजरे में विटामिन, कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं

नागौर. मेवाड़-मारवाड़ में आखा तीज या अक्षय तृतीया के महापर्व पर नागौर जिले में घर-घर में बाजरे का खिचड़ा स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में बनाया जाता है और इसके सेवन करने से स्वास्थ्य को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं. हालांकि इस दिन राजस्थान में हजारों की संख्या में शादियां होती है.

राजस्थान में 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया या आखा तीज महापर्व वैशाख मास विक्रम संवत 2082 में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं. हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल प्राप्त होता है. इसी कारण इसे अक्षय तृतीया अर्थात (जो कभी नष्ट ना हो) कहा जाता है. और इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का भी जन्म हुआ था. इस दिन शादी विवाह मांगलिक कार्य अबूझ मुहूर्त के रूप में अधिक से अधिक किए जाते हैं.

नागौर में इसी तिथि को गांव ढाणी शहर घर-घर में पूर्व काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार महिलाओं द्वारा रसोई में मूंग एवं बाजरे का खिचड़ा स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में बनाया जाता है, कहा जाता है कि बाजरे का खिचड़ा सर्दियों के मौसम में सेवन किया जाता है, परंतु इस मौसम के अनुसार अन्य दाल या अनाज के साथ मिलाकर रोजाना भी खाया जा सकता है.

बाजरे और मूंग की खिचड़े का स्वास्थ्य लाभ 
इसका खिचड़ा अगर सेवन किया जाए तो यह मोटापा और वजन को कम करता है. हृदय रोग और शुगर जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित होता है. जहां बाजरे में विटामिन कैल्शियम कार्बोहाइड्रेट जैसे अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं. वहीं अगर मूंग दाल के साथ बने हुए खिचड़े से आयरन जिंक फास्फोरस फाइबर भी भरपूर मात्रा में शरीर को प्राप्त होता है. इसका खिचड़ा स्वास्थ्य लाभ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होता है और और पाचन क्रिया में भी हल्का माना जाता है.

बाजरे में पोटैशियम और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है. कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है जिससे पेट भरा हुआ सा लगता है और भूख कम लगती है ऐसे में वजन कम करने वाले लोग इसे अपने विशिष्ट भोजन में शामिल कर सकते हैं.

भोजन में बाजरे के खिचड़े का उपयोग
अपने दिन की शुरुआत नाश्ते या भोजन में या रात्रि के खाने में भी बाजरे और मूंग से बने हुए दलिया की एक गर्म कटोरी से कर सकते हैं. अपनी आवश्यकता अनुसार इसमें शुद्ध देसी घी का भी मिश्रण कर सकते हैं और सेंधा नमक या चीनी मिलाकर खा सकते हैं. क्योंकि बाजरे में मैग्नीशियम और पोटेशियम की भरपूर मात्रा होती है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने एवं हृदय रोग संबंधी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है.

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अक्षय तृतीया पर मेवाड़-मारवाड़ में हर घर की पसंद बाजरे का खिचड़ा…


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