Monday, September 29, 2025
27 C
Surat

अजमेर की गलियों में छुपा खजाना… मावा गली का जादू, जहां हर कतार मिठाई की दास्तां सुनाती है!


Last Updated:

Ajmer Famous Sweet: अजमेर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में शादी-विवाह, त्यौहार या धार्मिक कार्यक्रमों में मावे का विशेष महत्व होता है. मिठाइयों का स्वाद और मिठास मावे के बिना अधूरी मानी जाती है. यही कारण है कि लो…और पढ़ें

अजमेर. अजमेर शहर अपनी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ यहां की गलियों के लिए भी खास पहचान रखता है. इन गलियों में कई जगहें हैं जो अपने अनोखे नाम और स्वाद की वजह से लोगों के बीच चर्चित रही हैं. ऐसी ही एक खास गली है मदार गेट स्थित मावा गली, जो लंबे समय से अजमेर के लोगों की पसंद बनी हुई है. यह गली न सिर्फ शहर में बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी अपनी परंपरा और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है.

मावा गली का नाम यहां होने वाले मावे के व्यापार की वजह से पड़ा. स्थानीय निवासी कैलाश बताते हैं कि इस गली में कई वर्षों से मावे की बिक्री होती आ रही है. यहां से रोजाना बड़ी संख्या में लोग मावा खरीदने पहुंचते हैं. गली में करीब दस से अधिक दुकानें हैं, जहां हर समय ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है.

शादी-ब्याह और धार्मिक आयोजनों का अहम हिस्सा
कैलाश बताते हैं कि अजमेर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में शादी-विवाह, त्योहार और धार्मिक आयोजनों में मावे का विशेष महत्व होता है. मिठाइयों का स्वाद मावे के बिना अधूरा माना जाता है. यही वजह है कि लोग खास मौकों पर मावा खरीदने के लिए सीधे मावा गली पहुंचते हैं. त्योहारों के मौसम में इस गली की रौनक और बढ़ जाती है. दीपावली, होली और अन्य पर्वों पर यहां लंबी कतारें लग जाती हैं.

रेलवे स्टेशन से 500 मीटर की दूरी पर स्थित
मावा गली अजमेर रेलवे स्टेशन से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है. यहां तक पहुंचना बेहद आसान है और पैदल कुछ ही मिनटों में गली तक पहुंचा जा सकता है. गली का वातावरण मिठाई की पारंपरिक दुकानों से सजा रहता है. हर समय यहां चहल-पहल और ग्राहकों की भीड़ देखने को मिलती है, जिससे यह गली अजमेर की पहचान का एक खास हिस्सा बन गई है.

authorimg

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homelifestyle

अजमेर की गलियों में छुपा खजाना… वो गली जहां हर कतार सुनाती मिठाई की दास्तां


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-mawa-gali-where-every-day-there-is-a-confluence-of-taste-and-tradition-know-recipe-local18-ws-kl-9599230.html

Hot this week

उगी उगी हे अदित मोला… छठ पूजा के दौरान सुना जाने वाला सबसे लोकप्रिय गीत, आप भी सुनें

https://www.youtube.com/watch?v=T_YXL_blE3Aधर्म chhath Puja Geet: इस साल छठ महापर्व की...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img