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अब रेडी-टू-कुक पैकेट्स के साथ हॉस्टल में भी उठाएं उत्तराखंड की ट्रेडिशनल भट्टवाणी और गहथवानी का लुत्फ!

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स्वाति नौटियाल ने उत्तराखंड की पारंपरिक भट्टवाणी और गहथवाणी को रेडी-टू-कुक पैकेट्स में बदलकर हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक नया विकल्प पेश किया है. अब आसानी से इन स्वादिष्ट और पौष्टिक दालों का आनंद ल…और पढ़ें

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भट्टवानी और गहथवानी पैकेट्स.

हाइलाइट्स

  • स्वाति नौटियाल ने पेश किए रेडी-टू-कुक पैकेट्स.
  • उत्तराखंड की भट्टवाणी और गहथवाणी अब आसानी से उपलब्ध.
  • स्वाति का उद्यम ‘मेरो पहाड़’ घर-घर पहुंचा रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों का खानपान सिर्फ स्वादिष्ट नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. पहाड़ी दालें जैसे भट्ट और गहत अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर हैं. अगर आप भी उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं, तो आपने जरूर भट्टवाणी और गहथवाणी का स्वाद लिया होगा, जो न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत लाभकारी होते हैं. भट्टवाणी और गहथवाणी को अब स्वाति नौटियाल ने एक नए रूप में पेश किया है. उन्होंने रेडी-टू-कुक पैकेट्स तैयार किए हैं, जिनमें पहाड़ी दालों को पहले से पीसकर मसाले भी मिलाए गए हैं. अब आपको इन्हें पीसने की जरूरत नहीं, बस इन पैकेट्स को खरीदें और घर पर स्वादिष्ट पहाड़ी भोजन का आनंद लें.

उत्तराखंड की पहचान बन रही हैं स्वाति
स्वाति नौटियाल, जो मूल रूप से उत्तरकाशी जिले की रहने वाली हैं, ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि भट्ट और गहत जैसी दालों के स्वाद और स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए इस दिशा में काम करना शुरू किया. स्वाति का कहना है कि सर्दियों में पहाड़ी इलाकों में भट्टवाणी (जिसे कुछ लोग चुड़कानी भी कहते हैं) डुबका और लजीज जौला का स्वाद गजब का होता है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होते हैं. स्वाति ने आगे बताया कि भट्ट की दाल पीलिया जैसी गंभीर बीमारी में रामबाण औषधि के रूप में काम करती है, और गहत की दाल पथरी के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है. कुमाऊं और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों में इन दालों की खास पहचान है. भट्टवाणी और गहथवाणी को मुख्य रूप से चावल के साथ परोसा जाता है, जो अपने स्वाद और पौष्टिकता के लिए पहचाना जाता है.

स्वाति ने लाया ‘मेरो पहाड़’ के नाम से एक नया उद्यम
स्वाति ने अपने इस उद्यम को ‘मेरो पहाड़’ के नाम से शुरू किया है. स्वाति बताती हैं कि जब वह पढ़ाई के दौरान हॉस्टल में रहती थीं, तो उन्हें घर की भट्टवाणी और गहथवाणी बहुत याद आती थी. जब भी वह घर जातीं, तो उन्हें यह स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिलता था. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के उद्यमिता योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए, उन्हें यह विचार आया कि पुरानी परंपराओं को नए रूप में पेश किया जाए. इसी विचार के साथ उन्होंने भट्टवाणी और गहथवाणी पर काम करना शुरू किया और इसे रेडी-टू-कुक पैकेट्स में बदल दिया. अब लोग आसानी से इन पैकेट्स को खरीदकर अपने घर में पौष्टिक और स्वादिष्ट पहाड़ी भोजन का आनंद ले सकते हैं. इन पैकेट्स की कीमत 100-150 रुपये के बीच है.

जानकारी और संपर्क
स्वाति ने इस नई पहल से न केवल पहाड़ी स्वाद को घर-घर पहुँचाया है, बल्कि लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया है. ज्यादा जानकारी और ऑर्डर के लिए आप स्वाति से 86307 96964 पर संपर्क कर सकते हैं.

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अब हॉस्टल में भी उठाएं उत्तराखंड की ट्रेडिशनल भट्टवाणी और गहथवानी का लुत्फ!


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-uttarakhand-traditional-bhatvani-gathvani-ready-to-cook-packets-local18-9077493.html

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