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इसके बिना नहीं पूरी होती ईद, हर घर में बनती है ये खास मिठाई, खास कानपुर से आते हैं कारीगर

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Eid Special Dish: यूं तो सूतफेनी पूरा साल किसी भी खास मौके पर मिठाई के रूप में खायी जा सकती है लेकिन ईद पर ये विशेष तौर से बनती है. जानते हैं की धड़ल्ले से बिकने वाली ये मिठाई तैयार कैसे होती है.

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भट्ठी पर सूतफेनी तैयार करते कारीगर

हाइलाइट्स

  • ईद पर सूतफेनी का खास महत्व होता है.
  • फर्रुखाबाद की सूतफेनी 50 साल पुरानी परंपरा है.
  • कानपुर से कारीगर आकर सूतफेनी तैयार करते हैं.

फर्रुखाबाद: ईद के त्योहार पर सेवई बनाने और खिलाने का मजा ही कुछ और होता है. हर जगह सेवई का स्वाद चखने को मिल जाता है. ऐसे में ईद की तैयारियां कई हफ्ते पहले से शुरू हो जाती हैं.  लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेवइयां कितने प्रकार की होती हैं और कैसे तैयार की जाती हैं? साथ ही, फर्रुखाबाद में यह सेवइयां कब से बन रही हैं और क्यों इतनी मशहूर हैं? आइए जानते हैं.

मेवे से बढ़ता है स्वाद
ईद के दिनों में सूतफेनी का भी अलग ही महत्व होता है. जब इसे तैयार किया जाता है, तो इसमें विभिन्न प्रकार के मेवे डालकर दूध में पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है. इसे खाते ही शरीर में ऊर्जा का एहसास होता है. लेकिन कभी सोचा है कि सूतफेनी कैसे तैयार की जाती है और इसे घर पर बनाने के लिए किन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है? चलिए जानते हैं.

50 साल पुरानी है दुकान
फर्रुखाबाद के घूमना चौराहे पर बनी पप्पू की दुकान करीब 50 साल पहले शुरू हुई थी. दुकानदार बताते हैं कि उनकी दुकान पर बुजुर्गों के समय से चली आ रही सूतफेनी बनाने की विधि आज भी कायम है. यही वजह है कि आसपास के कई जिलों से लोग यहां की सूतफेनी ऑर्डर पर मंगवाते हैं.

कानपुर से आते हैं कारीगर
दुकानदार राहुल बताते हैं कि वे कई प्रकार की सूतफेनी तैयार करते हैं. इनमें जवारा सूतफेनी, रोस्टेड सूतफेनी, सूखे दूध से बनी सूतफेनी और देसी घी से तैयार सूतफेनी सबसे अधिक बिकती हैं. इनकी कीमत 50 से 70 रुपये प्रति किलो तक होती है. फर्रुखाबाद में सूतफेनी तैयार करने वाले कारीगर सावन के महीने में कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र से आते हैं. ये कारीगर हर प्रकार की सूतफेनी तैयार कर लेते हैं और शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हैं.

कैसे होती है तैयार
सबसे पहले मैदा और घी को मिलाकर आटा गूंथा जाता है. धीरे-धीरे इसकी कई परतें बनाई जाती हैं. इसके बाद इसे कढ़ाई में गर्म तेल में डाला जाता है. गर्म तेल में डालते ही इसके लच्छे अलग हो जाते हैं और यह पककर तैयार हो जाती है. इसके बाद इसे अच्छे से सुखाकर कागज के बॉक्स में पैक किया जाता है और बिक्री के लिए तैयार किया जाता है.

ईद पर जरूर बनती है
घर लाने के बाद सूतफेनी को हल्का गर्म तेल में तला जाता है. फिर इसे गर्म दूध में डालकर चीनी और इलायची मिलाई जाती है. ऊपर से काजू, बादाम, पिस्ता और दूसरे मेवे डालने के बाद इसे अच्छी तरह पकाया जाता है. जब यह तैयार हो जाती है, तो इसकी खुशबू पूरे घर में फैल जाती है. इसे गर्मागर्म परोसने का मजा ही कुछ और होता है. अगर आप भी ईद पर कुछ खास बनाना चाहते हैं, तो फर्रुखाबाद की मशहूर सूतफेनी जरूर ट्राई करें!

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इसके बिना नहीं पूरी होती ईद, इस मिठाई को बनाने कानपुर से आते हैं खास कारीगर


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