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Baghpat: होली में गुजिया विशेष रूप से बनाई जाती हैं पर स्वीट शॉप्स में ये सालभर मिलती हैं. ऐसी ही एक दुकान है बागपत की भगत स्वीट्स. इनकी गुजिया के लोग इस कदर दीवाने हैं कि महीने भर में एक क्विंटल से ज्यादा गुजि…और पढ़ें
देशी घी से बनी गुजिया।
हाइलाइट्स
- भगत जी स्वीट्स की गुजिया हर महीने एक क्विंटल से ज्यादा बिकती हैं.
- गुजिया शुद्ध मैदा, देसी घी और ड्राई फ्रूट्स से बनाई जाती हैं.
- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से लोग गुजिया खरीदने आते हैं.
बागपत. बागपत की भगत जी स्वीट्स पर बनने वाली गुजिया अपनी खास मिठास और शुद्धता के लिए मशहूर हैं. यहां बनने वाली गुजिया शुद्ध मैदा, देसी घी और ड्राई फ्रूट्स से तैयार की जाती है. इसका स्वाद इतना अलग होता है कि पिछले 10 सालों में इसने लोगों को अपना दीवाना बना लिया है. दूर-दूर से लोग इन्हें खरीदने के लिए आते हैं और स्वाद के मामले में ये आज भी लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं.
कहां है दुकान
दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर सिसाना गांव के पास बने भगत जी स्वीट्स रेस्टोरेंट के संचालक आदेश कुमार का कहना है कि उन्होंने कभी क्वालिटी से समझौता नहीं किया. गुजिया बनाने में देसी घी, मैदा, खोया और पांच तरह के ड्राई फ्रूट्स का मिश्रण इस्तेमाल किया जाता है. दूध भी स्थानीय किसानों से लिया जाता है, जिससे शुद्ध मावा तैयार कर गुजियों में भरा किया जाता है.
दूर-दूर से आते हैं लोग
गुजिया का स्वाद चखने के लिए पंजाब, हरियाणा, सहारनपुर, राजस्थान समेत दूर-दराज से लोग आते हैं. साथ ही ऑर्डर पर इन्हें घर भी मंगाया जा सकता है. इनका मौजूदा रेट 640 रुपये प्रति किलो है, जबकि 10 साल पहले यह 480 रुपये किलो में मिलती थी. शुरुआत में कम बिक्री होती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि अब हर महीने एक क्विंटल से अधिक गुजिया बिक जाती हैं. आदेश कुमार का कहना है कि उनका मकसद लोगों को एक अलग स्वाद देना था, जो अब उनकी पहचान बन चुका है.
कैसे बनती है गुजिया
होली में अधिकतर घरों में गुजिया बनती है और आप भी इस बार अपनी गुजिया को खास बनाना चाहती हैं तो ये तरीका अपना सकते हैं. कोशिश करें शुद्ध मावा मिले, इसे कड़ाही में खूब भून लें. इससे ये काफी दिनों तक खराब नहीं होता. इसमें केसर जरूर डालें और ठंडा होने पर ड्राई फ्रूट्स और शक्कर मिलाएं. शक्कर बूरा ही इस्तेमाल करें. गुनगुने दूध से मैदा लगाने से टेस्ट बहुत बढ़ जाता है.
हलवाई वाला टेस्ट चाहिए तो बनने के बाद इन्हें चाशनी में डालें. मैदा गूंथते समय गर्म पानी का इस्तेमाल करें और आटा कुछ देर पहले लगाकर रख दें. मोइन की पहचान है की इतना तेल या घी डालें कि सूखा आटा दबाने से बंधने लगे. आटे को कपड़े से ढ़ककर ही रखें और हमेशा गुजिया धीमीं आंच पर सेंके. घी के इस्तेमाल से स्वाद चार गुना बढ़ जाता है. मैदे में हल्का सा महीन रवा डालने से स्वाद काफी बढ़ जाता है.
Baghpat,Uttar Pradesh
February 10, 2025, 09:22 IST
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