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Bhopal Famous Street Food: भोपाल की 65 साल पुरानी चंदावली दुकान स्वाद, परंपरा और मेहनत की मिसाल है. तलैया क्षेत्र में स्थित इस दुकान पर हर दिन 500 से 700 समोसे-कचौड़ी बिकते हैं. रवीना टंडन सहित कई सेलिब्रिटी भी…और पढ़ें
परेश बताते हैं कि दिनभर में सैकड़ो की संख्या में समोसे-कचौड़ी बिक जाते हैं.
हाइलाइट्स
- भोपाल की चंदावली दुकान 65 साल पुरानी है.
- रवीना टंडन भी इस दुकान की फैन हैं.
- दुकान पर रोज 500-700 समोसे-कचौड़ी बिकते हैं.
भोपाल. झीलों की नगरी भोपाल में खाने की दीवानगी देखते ही बनती है. यहां जायके के शौकीन लोगों की कमी नहीं है. आज हम आपको भोपाल की 65 साल पुरानी दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां कचौड़ी-समोसे की दीवानगी अलग ही देखने को मिलती है. पुराने भोपाल के तलैया क्षेत्र में स्थित चंदावली की दुकान के व्यंजनों के कई सेलिब्रिटी भी दीवाने हैं. इस लिस्ट में रवीना टंडन का नाम भी शामिल है.
सेलिब्रिटीज भी हैं फैन
Bharat.one से बात करते हुए चंदावली की दुकान का संचालन करने वाले परेश नेमा ने बताया कि हमारे पिताजी की बदौलत आज हम यहां पर हैं. आसपास के क्षेत्र में लोगों का हमें खूब प्यार मिलता है. हम लोगों को सुबह से लेकर रात तक नाश्ते का स्वाद चखाते हैं. दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहता है. परेश बताते हैं कि वर्तमान में वह तीसरी पीढ़ी हैं, जो इस दुकान का संचालन कर रहे हैं.
व्यंजनों की लंबी रेंज
परेश नेमा ने बताया कि उनकी दुकान पर मुख्य रूप से समोसे, कचौड़ी, खस्ता, पापड़ी, गुलाब जामुन और पोहा-जलेबी बनाए जाते हैं. यहां नाश्ते का स्वाद चखने के लिए भोपाल सांसद आलोक शर्मा और पूर्व सांसद आलोक संजर भी आते रहते हैं. वहीं हाल के दिनों में बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन भी यहां नाश्ते के लिए पहुंची थीं. सुबह से लेकर शाम तक यहां समोसे छनते रहते हैं.
दादा से शुरू हुई थी दुकान
परेश ने बताया कि उनके दादा दुलीचंद नेमा हलवाई थे और शुरू में गिन्नौरी स्कूल के पास कचौड़ी की दुकान लगाते थे. बाद में उनके पिता चंद्रप्रकाश नेमा ने यह दुकान खोली. उन्हीं के नाम से चंदावली की दुकान प्रसिद्ध हुई और आज भी उन्हीं के नाम से लोग दुकान को जानते हैं.
तीन भाइयों की मेहनत से चल रही दुकान
परेश बताते हैं कि हम तीन भाई – मैं, बड़े भाई नरेश और राजेश नेमा – मिलकर दुकान संभालते हैं. हमारी एक और दुकान न्यू अशोका गार्डन में भी है. सुबह जलेबी-पोहे की बिक्री सबसे ज्यादा होती है. वहीं समोसे-कचौड़ी तो पूरे दिन लोग ले जाते रहते हैं.
हर दिन 500 से 700 समोसे-कचौड़ी की बिक्री
रोजाना करीब 500 से 700 समोसे-कचौड़ी की बिक्री हो जाती है. लोग दूर-दूर से इस स्वाद का लुत्फ उठाने के लिए यहां आते हैं. भोपाल की इस दुकान ने स्वाद के साथ परंपरा और मेहनत को भी जीवंत रखा है.
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