Home Food उत्तराखंड पहाड़ी नमक: स्वाद, सेहत और परंपरा से जुड़ी खासियतें.

उत्तराखंड पहाड़ी नमक: स्वाद, सेहत और परंपरा से जुड़ी खासियतें.

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बागेश्वर: उत्तराखंड की रसोई का जिक्र हो और उसमें पहाड़ी नमक का नाम न आए, ऐसा शायद ही हो सकता है. यह नमक न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि अपनी औषधीय खूबियों के कारण सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है. पहाड़ की परंपरागत रसोई में सिलबट्टे पर पिसे इस नमक की महक और स्वाद आज भी लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. यही वजह है कि दाल-भात, आलू-गुटके, भट्ट की दाल या किसी भी पहाड़ी पकवान के साथ इसे चखने पर स्वाद दोगुना हो जाता है.

घर पर बनाना बेहद आसान

पहाड़ी नमक बनाने की सबसे खास बात यह है कि इसे घर पर बड़ी आसानी से तैयार किया जा सकता है. इसके लिए जरूरी सामग्री में सेंधा नमक या काला नमक, हरी मिर्च, लहसुन की कलियां, अदरक, नींबू का रस, भुनी हुई मेथी, धनिया, जीरा, अजवाइन और ताजी हरी धनिया पत्तियां शामिल हैं. सभी मसालों को हल्का भूनने के बाद सिलबट्टे पर हरी मिर्च, लहसुन और अदरक को कूट लिया जाता है. इसके बाद इसमें नमक, भुने मसाले और नींबू का रस डालकर बारीक पीसा जाता है. अंत में हरी धनिया मिलाकर फिर से पीसने पर यह नमक तैयार हो जाता है.

परंपरा से सेहत तक

पहाड़ी नमक सिर्फ स्वाद का खजाना नहीं बल्कि आयुर्वेदिक गुणों से भी भरपूर है. इसमें मौजूद लहसुन और अदरक पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करते हैं. हरी मिर्च शरीर को गर्माहट देने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है. वहीं जीरा और अजवाइन गैस और अपच की समस्या को दूर करते हैं. नींबू का रस इसमें विटामिन-सी का स्रोत जोड़ता है. जो इम्युनिटी को मजबूत करता है. यही कारण है कि गांवों में इसे केवल चटनी या मसाले की तरह नहीं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक घरेलू नुस्खे की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है.

परोसने का अंदाज

पहाड़ी नमक का जिक्र होते ही मुंह में पानी आना स्वाभाविक है. दाल-भात के साथ इसकी चुटकीभर मात्रा पूरे थाली का स्वाद बढ़ा देती है. आलू-गुटके, झंगोरे की खीर या मंडवे की रोटी के साथ भी इसे परोसने का अपना अलग आनंद है. ग्रामीण इलाकों में मेहमानों का स्वागत भी अक्सर इस नमक के साथ तैयार पकवानों से किया जाता है.

संस्कृति से जुड़ा स्वाद

आज भले ही बाजार में रेडीमेड पहाड़ी नमक पैकेट में बिक रहा हो, लेकिन सिलबट्टे पर बना ताजा नमक ही सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. इसमें मेहनत का स्वाद और ताजगी की खुशबू दोनों मिलती है. यही वजह है कि उत्तराखंड की संस्कृति और खान-पान की पहचान के तौर पर यह नमक आज भी हर घर की रसोई में अपनी खास जगह बनाए हुए है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-pahadi-namak-ke-fayde-recipe-and-health-benefits-of-mountain-salt-local18-ws-kl-9642547.html

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