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क्या आपने चखी सीताफल की आइसक्रीम? ग्रामीण महिलाएं कर रहीं तैयार, फटाफट देखें रेसिपी – Chhattisgarh News

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Seetaphal Ice Cream: सीताफल आइसक्रीम बनाने के लिए समूह की महिलाएं सबसे पहले बाजार से ताजे शरीफे खरीदती हैं. उसके बाद उसका छिलका और बीज अलग कर लिया जाता है. दूध को हल्का गर्म करने के बाद उसमें सीताफल का पल्प मिलाया जाता है.

बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की महिलाओं ने सीताफल (शरीफा) से आइसक्रीम बनाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है. दुर्गा महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष कुसुम लता साहू ने Bharat.one को बताया कि समूह की 11 महिलाएं पिछले तीन वर्षों से सीताफल से आइसक्रीम, अचार और पापड़ जैसे उत्पाद तैयार कर रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय सीताफल की आइसक्रीम है, जिसकी मांग स्थानीय बाजारों में लगातार बढ़ रही है. स्वाद और गुणवत्ता के कारण यह आइसक्रीम हर मौसम में बिक रही है और कई बार मांग के अनुसार पूर्ति कर पाना भी मुश्किल हो जाता है.

कुसुमलता साहू ने आगे बताया कि उनका यह उद्यम साल 2022 में शुरू हुआ था. शुरुआत में उन्हें कृषि विभाग द्वारा सीताफल आइसक्रीम बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. यह प्रशिक्षण कवर्धा में आयोजित किया गया था, जहां समूह की 11 महिलाओं ने व्यावहारिक रूप से सीताफल से विभिन्न उत्पाद तैयार करना सीखा. प्रशिक्षण के बाद महिलाओं ने अपनी मेहनत और कौशल से इस काम को व्यावसायिक रूप दिया. आज समूह की पहचान पूरे क्षेत्र में सीताफल आइसक्रीम के लिए होने लगी है.

सीताफल आइसक्रीम की कीमत 30 रुपये
वर्तमान में यह समूह 35 ग्राम पैक वाले सीताफल आइसक्रीम का उत्पादन कर रहा है, जिसकी कीमत मात्र 30 रुपये रखी गई है. स्वादिष्ट और पौष्टिक होने के कारण इसकी बिक्री लगातार बढ़ रही है. बीते तीन वर्षों में समूह ने केवल सीताफल आइसक्रीम बेचकर डेढ़ लाख रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ कमाया है. समूह की सदस्य महिलाएं अब अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी इस व्यवसाय से जोड़ने की प्रेरणा दे रही हैं.

कैसे बनती है सीताफल आइसक्रीम?
सीताफल आइसक्रीम बनाने की प्रक्रिया भी काफी दिलचस्प है. समूह की महिलाएं पहले बाजार से ताजा सीताफल खरीदती हैं. उसके बाद उसका छिलका और बीज अलग करके अंदर का गूदा निकाला जाता है. दूध को आधा गर्म करने के बाद उसमें सीताफल का पल्प मिलाया जाता है. फिर इसमें शक्कर, इलायची पाउडर और सूखे मेवे डालकर ग्राइंडर मशीन से ग्राइंड किया जाता है. मिश्रण तैयार होने के बाद इसे फ्रीजर में जमाया जाता है. आइसक्रीम पूरी तरह जमने में लगभग दो दिन लगते हैं.

आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर
महिला स्वयं सहायता समूह की सफलता अब अन्य स्वयं सहायता समूहों के लिए प्रेरणा बन गई है. स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग भी ऐसे उद्यमों को प्रोत्साहित कर रहा है ताकि ग्रामीण महिलाएं घर बैठे अपने कौशल से आमदनी का साधन बना सकें. दुर्गा महिला स्वयं सहायता समूह की यह पहल इस बात का उदाहरण है कि यदि इच्छाशक्ति और प्रशिक्षण मिल जाए, तो ग्रामीण महिलाएं भी बड़े स्तर पर आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हो सकती हैं.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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क्या आपने चखी सीताफल की आइसक्रीम? ग्रामीण महिलाएं कर रहीं तैयार, देखें रेसिपी


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