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Karil Sabji Recipe: प्याज और टमाटर डालकर इसमें मसाले (हल्दी, धनिया और लाल मिर्च) डालें. स्वादानुसार नमक डालें. मसाले भूनने के बाद इसमें उबला हुआ करिल डालकर अच्छी तरह मिलाएं. जायका बढ़ाने के लिए इसमें अचार मसाला…और पढ़ें
करिल यानी बांस की कोपल, छत्तीसगढ़ की थाली का अहम हिस्सा है. इसे खासतौर पर गांवों में बड़े चाव से बनाया जाता है. बिलासपुर जिले की रसोई में काम कर रही अन्नू ने बताया कि करिल को पहले उबालकर उसकी कड़वाहट निकाली जाती है, फिर इसे मसालों के साथ पकाया जाता है.
उन्होंने बताया कि असली स्वाद तभी आता है, जब इसे सरसों के तेल में पकाया जाए और लहसुन के साथ तड़का लगाया जाए.
अचार मसाले से बनता है लाजवाब
करिल सब्जी में अचार मसाला डालने से इसका जायका और भी बढ़ जाता है. यही वजह है कि इसे खाने वाले लंबे समय तक स्वाद भूल नहीं पाते हैं.
अन्नू बताती हैं कि करिल सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले बांस की कोपल को छीलकर बारीक काटा जाता है और कड़वाहट निकालने के लिए उबालकर निचोड़ लिया जाता है. फिर कढ़ाई में सरसों का तेल गर्म कर उसमें लहसुन और हरी मिर्च का तड़का लगाया जाता है. प्याज और टमाटर डालकर मसाले (हल्दी, धनिया और लाल मिर्च) भूनने के बाद उबला हुआ करिल डालकर अच्छी तरह मिलाया जाता है. स्वादानुसार नमक डालें. स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें अचार मसाला डाला जाता है और थोड़ी देर धीमी आंच पर पकने दिया जाता है. ऊपर से हरा धनिया डालने के बाद यह सब्जी चावल के साथ परोसने के लिए तैयार हो जाती है.
स्वाद और सेहत का संगम
यह सब्जी जहां खाने में बेहद स्वादिष्ट है, वहीं इसमें फाइबर और मिनरल्स भी भरपूर होते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी हैं.
चावल के साथ सबसे बेहतरीन
अन्नू ने कहा कि करिल सब्जी चावल के साथ खाने में सबसे ज्यादा स्वाद देती है और यही वजह है कि यह छत्तीसगढ़ी थाली की शान है.
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