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गाजर का हलवा बेचते-बेचते जवानी से बूढ़े हो गए दुलीचंद, ठेले पर आज तक कम न हुई ग्राहकों भीड़

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झुंझुनूं : सर्दियों के दिनों में गरम-गरम गाजर का हलवा हर किसी की पहली पसंद होता है. यही गाजर का हलवा पिछले वर्षों से झुंझुनू के लोगों को दुलीचंद हलवाई के द्वारा खिलाया जा रहा है. जो कि वर्षों बाद भी आज भी अपने ठेले पर ही कुछ मिठाइयां लेकर झुंझुनू के गांधी चौक में अपना ठेला लगाते हैं. वह लोगों को स्वादिष्ट मिठाइयां खिलाते हैं.

Bharat.one ने जब उनसे जाना कि इतने साल इतनी स्वादिष्ट मिठाइयां लोगों को खिलाने के बाद भी आज भी वे अपने इसी ठेले पर क्यों मिठाइयां बेच रही हैं तो एक रोचक जानकारी सामने निकल कर आए. उन्होंने बताया कि आज भी वे इस ठेले पर इसलिए अपनी मिठाइयां बेच रहे हैं क्योंकि अगर वह कहीं पर दुकान लगा कर बैठे तो उसके लिए उन्हें एक जगह लेनी होगी और बढ़ती हुई इस महंगाई के कारण आज जगह लेना एक बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है. बिल्कुल उनकी मिठाइयां लोगों को काफी पसंद आती हैं पर इतने पैसे उन मिठाइयों से नहीं बच पाते हैं कि वह अपनी खुद की एक दुकान कर सकें.

झुंझुनू के गांधी चौक में मिठाइयों का ठेला लगा रहे दुलीचंद ने बताया कि वह पिछले काफी सालों से मिठाइयों का ही काम कर रहे हैं. बचपन में उन्होंने अपने इस काम की शुरुआत की और आज भी वे मिठाइयां बनकर ही हर समय लोगों को खिलाते हैं. सर्दियों के दिनों में उनका गाजर का हलवा लोगों को काफी पसंद आता है. वह दिन में जितनी मिठाइयां तैयार करती हैं. शाम तक उनकी मिठाइयां बिक जाती हैं. उनसे इतना पैसा उन्हें मिलता है कि उनके परिवार घर खर्च चल रहा है. इससे ज्यादा पैसे वह नहीं बचा पाए इसी वजह से आज भी वे ठेले पर ही अपनी मिठाइयां बेचते हैं.

दुलीचंद ने बताया कि उनके पास में गाजर का हलवा इसके अलावा रसमलाई, गरम गुलाब जामुन, रसगुल्ला, राजभोग, मूंग का हलवा यह सब चीज मिलती हैं. जिनमें उनका गाजर का हलवा ₹500 किलो, उनकी एक रसमलाई ₹70 पर पीस, गुलाब जामुन ₹25 पीस राजभोग ₹70 पर पीस, रसगुल्ला ₹20 पर पीस बेच रही है. एक और खास बात की इनका ठेला वह शाम को 4:00 बजे के बाद ही बाजार में बेचने के लिए आते हैं. वह रात को 9:00 से 10:00 बजे तक सर्दियों के दिनों में अपनी मिठाई बेचते हैं.

इस दौरान उनकी मिठाई लगभग दो से ढाई हजार रुपए की मिठाई बिक जाती है. यह यह पूरी मिठाई खुद अपने हाथों से तैयार करते हैं दिन में जैसे बनाया जाता है. उसी शाम को बाजार में ले आते हैं रानी शक्ति मंदिर आने वाले श्रद्धालु वह झुंझुनू घूमने आने वाले पर्यटक भी बड़े चाव से कहते हैं. इसके अलावा झुंझुनू के आसपास के क्षेत्र के लोग भी इनकी मिठाई खाने के लिए उनके पास आते रहते हैं.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-dulichand-selling-carrot-halwa-for-years-customers-crowd-never-fades-local18-8927313.html

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