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गाजीपुर का का सोहन हलवा…मुंह में जाते ही घुल जाए, बस 5 महीने मिलता, 70 साल से स्वाद कायम

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Sohan Halwa Ghazipur: प्रयाग जी की दुकान न सिर्फ सोहन हलवे के लिए, बल्कि गुलाब छड़ी मिठाई और गुलाब जामुन के लिए भी मशहूर है. दशकों से यह दुकान अपने स्वाद, परंपरा और गुणवत्ता को जिंदा रखे हुए है. यह सिर्फ एक मिठाई की दुकान नहीं, बल्कि गाजीपुर की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बन चुकी है.

Ghazipur Sohan Halwa: अगर आप गाजीपुर के झुनू लाल चौराहा से गुजर रहे हैं, तो एक बार जरूर रुकिए. यहां एक 60-70 साल पुरानी मिठाई की दुकान है. जो प्रयाग जी की मिठाई की दुकान के नाम से फेमस है. प्रयाग जी की मिठाई की दुकान का सोहन हलवा, जो सिर्फ सर्दियों में मिलता है और दशकों से लोगों की ज़ुबान पर अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. यह हलवा सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि गाजीपुर की एक परंपरा है. एक ऐसा स्वाद जो पीढ़ियों से मौसम के साथ लौटता है और शहर की पहचान बन जाता है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह हलवा बस अक्टूबर से होली तक ही मिलता है.

प्रयाग जी की दुकान का सोहन हलवा गाजीपुर में सर्दियों का सबसे चर्चित स्वाद है. दुकान की तीसरी पीढ़ी के संचालक बताते है कि यह मिठाई ठंड के मौसम को ध्यान में रखकर बनाई जाती है. इसका स्वाद, बनावट और खुशबू, सब कुछ मौसम के अनुरूप होता है. इस हलवे का असली राज इसकी पारंपरिक रेसिपी में छिपा है. इसमें खोवा, मैदा, चीनी और डालडा घी का इस्तेमाल होता है. एक किलो खोवा में सिर्फ 100 ग्राम मैदा मिलाया जाता है. सर्दियों में घी जम जाता है, जिससे हलवे में एक खास कोमलता और मलाईदार स्वाद आता है. यही वजह है कि जब हलवा ठंडा होता है, तो उसका हर निवाला मुंह में पिघल जाता है.

गर्मी में क्यों नहीं बनता ये हलवा?
दुकान के संचालक बताते है कि जैसे ही गर्मी शुरू होती है, घी पिघलने लगता है और हलवा अपनी असली बनावट खो देता है. गर्मी में यह रूखा और बेस्वाद हो जाता है. इसलिए, यह मिठाई सिर्फ ठंड के महीनों में ही तैयार की जाती है. मौसम बदलते ही सोहन हलवा दुकान से गायब हो जाता है और फिर साल भर उसका इंतजार शुरू हो जाता है.

लाइन में लगकर लोग करते हैं खरीदारी
गाज़ीपुर में यह हलवा सिर्फ प्रयाग जी की दुकान पर ही मिलता है. इसकी सीमित उपलब्धता, शुद्धता और पारंपरिक स्वाद इसे और खास बना देते हैं. जैसे ही दिसंबर-जनवरी की ठंड पड़ती है, दुकान के बाहर ग्राहकों की लंबी लाइन लग जाती है. कई लोग तो सालों से इस हलवे का इंतज़ार करते हैं और एक बार में किलो-किलो खरीद ले जाते हैं.

सिर्फ हलवा नहीं, एक परंपरा का स्वाद
प्रयाग जी की दुकान न सिर्फ सोहन हलवे के लिए, बल्कि गुलाब छड़ी मिठाई और गुलाब जामुन के लिए भी मशहूर है. दशकों से यह दुकान अपने स्वाद, परंपरा और गुणवत्ता को जिंदा रखे हुए है. यह सिर्फ एक मिठाई की दुकान नहीं, बल्कि गाजीपुर की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बन चुकी है.

Manish Rai

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. अभी लोकल18 यूपी के कॉर्डिनेटर की…और पढ़ें

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. अभी लोकल18 यूपी के कॉर्डिनेटर की… और पढ़ें

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