छतरपुर : छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा के रहने वाले जीतेंद्र चौरसिया पिछले 5 वर्षों से अपने मिट्टी के चूल्हे पर समोसे और आलू-बड़े तल रहे हैं. उनकी दुकान छोटी है, लेकिन उनके समोसे का स्वाद इतना लाजवाब है कि लोग दो समोसे खाने के बाद और मांगते हैं. जीतेंद्र ने अपनी दुकान की शुरुआत एक ठेले से की थी और आज भी वे उसी ठेले पर समोसे बेचते हैं. उनकी खासियत यह है कि समोसे लकड़ी से जलने वाले मिट्टी के चूल्हे में तले जाते हैं, जिससे उनका स्वाद और भी बढ़ जाता है.
समोसे के स्वाद का अनोखा राज:
जीतेंद्र चौरसिया ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि उनके समोसे की रेसिपी भले ही सामान्य हो, लेकिन जो चीज उन्हें सबसे अलग बनाती है, वह हैं उनके मसाले. वह समोसे में 9 प्रकार के मसाले डालते हैं, जिससे उनका स्वाद दूसरों से बिलकुल अलग होता है. जीतेंद्र कहते हैं, “मैं अपनी पूरी रेसिपी नहीं बता सकता क्योंकि यह मेरी रोजी-रोटी का सवाल है, लेकिन मेरा मानना है कि लकड़ी के चूल्हे पर समोसे तलने से उनका स्वाद और भी बढ़ जाता है.”
सस्ती कीमत में बेहतरीन स्वाद:
जीतेंद्र की दुकान पर 10 रुपये में 2 समोसे मिल जाते हैं, और जो एक बार उनका समोसा खाता है, वह दो से कम नहीं खाता. रोज दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक उनकी दुकान खुली रहती है, और इस दौरान यहां लगभग 200 ग्राहक समोसे का स्वाद चखने आते हैं. लोगों का कहना है कि मिट्टी के चूल्हे पर तले गए समोसे में जो स्वाद आता है, वह किसी भी सामान्य दुकान के समोसे से कहीं बेहतर होता है.
महीने भर की कमाई:
जीतेंद्र बताते हैं कि उनकी दुकान भले ही छोटी है, लेकिन उनके समोसे की मांग काफी ज्यादा है. हर दिन लगभग 200 समोसे बिक जाते हैं, जिससे वे महीने में करीब 20 हजार रुपये की कमाई कर लेते हैं. लागत कम होने की वजह से उन्हें अच्छा मुनाफा होता है, और वह अकेले ही अपनी पूरी दुकान संभालते हैं.
FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 11:31 IST
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