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झोपड़ी में चाय की टपरी से शुरुआत, आज फेमस रेस्टोरेंट, पलामू के इस पेड़े की दूसरे राज्यों में डिमांड, रोज 50 किलो बिक्री! – Jharkhand News

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Palamu Famous Sweet Shop: पलामू की इस दुकान की शुरुआत चाय की टपरी से हुई थी जो आज रेस्टोरेंट में तब्दील हो चुकी है. यहां की मिठाइयां बेहद प्रसिद्ध हैं खासतौर पर इनके पेड़े की डिमांड दूसरे राज्यों से भी आती है.

Palamu Famous Peda: झारखंड का पलामू जिला अपनी पारंपरिक मिठाइयों और व्यंजनों के लिए जाना जाता है. यहां की खासियत है नावाबाजार का पेड़ा, जिसका स्वाद झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा तक लोगों को दीवाना बना चुका है. यहां का पेड़ा बेहद मशहूर है. इतना ही नहीं, पलामू की यह एक ऐसी मिठाई की दुकान है, जहां के राजभोग और गुड़ की मिठाई के भी लोग दीवाने हैं.

दरअसल, पलामू जिले के नावाबाजार प्रखंड के बाना गांव में औरंगाबाद-डाल्टनगंज मुख्य पथ पर बना बाना होटल बेहद प्रसिद्ध है. इस दुकान का नाम “सूरज सवेरा स्वीट्स” है, जो पहले एक छोटी-सी चाय की टपरी थी और आज एक रेस्टोरेंट का रूप ले चुकी है. यहां अब फास्ट फूड और दूसरी चीजें भी मिलने लगी हैं.

चाय की टपरी से रेस्टोरेंट तक
करीब 25 साल पहले सूरज कुमार के पिता ने नावाबाजार प्रखंड के डाल्टनगंज-औरंगाबाद मार्ग पर सड़क किनारे एक झोपड़ी में चाय की दुकान लगाई थी. धीरे-धीरे दुकान पर पेड़ा और दूसरी मिठाइयां मिलने लगीं, जो लोगों को बेहद पसंद आईं. समय के साथ मिठाई की डिमांड इतनी बढ़ गई कि दुकान ने रेस्टोरेंट का रूप ले लिया. आज “सूरज सवेरा स्वीट्स” नाम से यह जगह मिठाई और फास्ट फूड दोनों के लिए प्रसिद्ध है.

शुद्धता की गारंटी ने बनाया लोगों का चहेता
यहां का पेड़ा पूरी तरह शुद्ध भैंस और गाय के दूध से बनाया जाता है. एक बार में सवा लीटर दूध से पेड़ा तैयार किया जाता है, जिसे धीमी आंच पर 3 से 4 घंटे तक पकाया जाता है. पकने के बाद दूध लाल रंग का हो जाता है, तब उसमें थोड़ी-सी चीनी और गुड़ डाली जाती है. यही मिश्रण पेड़े को उसका खास स्वाद देता है. सूरज कुमार बताते हैं कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारंपरिक है और शुद्धता इसका सबसे बड़ा रहस्य है. पहले यह पेड़ा ₹1 प्रति पीस बिकता था, जो अब ₹10 प्रति पीस की दर पर बिकता है.

हर दिन 50 किलो की बिक्री
हर दिन यहां 40 से 50 किलो पेड़े की बिक्री होती है. पेड़ा की कीमत ₹480 प्रति किलो है, जबकि यहां का राजभोग ₹20 प्रति पीस या ₹360 प्रति किलो मिलता है. राजभोग की भी काफी डिमांड है,  रोजाना 150 से 200 पीस तक बिक जाते हैं. शादी-ब्याह और पर्व-त्योहारों में यह डिमांड कई गुना बढ़ जाती है, जब 500 से 1000 पीस मिठाई के ऑर्डर मिलते हैं.

अब यह दुकान सिर्फ मिठाई तक सीमित नहीं रही. यहां डोसा, चाट, चाउमिन, पनीर चिली जैसे फास्ट फूड आइटम भी उपलब्ध हैं. लोग दूर-दूर से यहां आकर स्वाद लेते हैं और इसे सोशल मीडिया पर साझा करते हैं. यह दुकान सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहती है.

Raina Shukla

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़्म में मास्टर्स, गोल्ड मेडलिस्ट. पत्रकारिता का सफर दैनिक जागरण से शुरू हुआ, फिर प्रभात खबर और ABP न्यूज़ से होते हुए Bharat.one Hindi तक पहुंचा. करियर और देश की …और पढ़ें

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़्म में मास्टर्स, गोल्ड मेडलिस्ट. पत्रकारिता का सफर दैनिक जागरण से शुरू हुआ, फिर प्रभात खबर और ABP न्यूज़ से होते हुए Bharat.one Hindi तक पहुंचा. करियर और देश की … और पढ़ें

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