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ठिठुरती सर्दी में कुल्हड़ से उठी भाप ने मचा दी धूम, तंदूरी चाय का चला ऐसा जादू लोग कह रहे- बस एक प्याला और

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Kulhad Wali Tandoori Chai: मिट्टी की सुगंध और मसाले के जायके के साथ तैयार होने वाली यह चाय लोगों की जुबान पर छाई हुई है. सुबह से लेकर शाम तक दुकान पर लोगों की भीड़ रहती है. तंदूरी चाय का ऐसा जादू ही है कि लोग पीते ही एक और कुल्हड़ मांगने लगते हैं.

ऋषिकेश: सर्दी का मौसम आते ही शरीर को गर्म रखने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं. कोई ऊनी कपड़ों में खुद को लपेट लेता है तो कोई अदरक, इलायची या तुलसी वाली चाय का सहारा लेता है. मगर, जब बात तंदूरी चाय की आती है तो यह न सिर्फ शरीर को गर्म करती है बल्कि मन को भी सुकून देती है. मिट्टी के कुल्हड़ में पकती इस देसी चाय की खुशबू हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है. खासकर जब बाहर धुंध हो, हवा में ठंडक हो और हाथ में हो एक गर्म कुल्हड़, तो यकीन मानिए यह पल किसी जन्नत से कम नहीं लगता.

तंदूरी चाय का इतिहास बहुत पुराना नहीं है, लेकिन इसका स्वाद और लोकप्रियता आज हर शहर में पहुंच चुकी है. उत्तर भारत के कई इलाकों में अब सड़क किनारे, बाजारों और चाय की छोटी दुकानों में धधकते अंगारों के बीच तैयारी होती तंदूरी चाय आसानी से मिल जाती है. इसे बनाने का तरीका भी बेहद दिलचस्प होता है.

पहले एक मिट्टी का कुल्हड़ लिया जाता है और उसे तंदूर या अंगीठी में रखकर लाल गरम किया जाता है. दूसरी ओर दूध, चाय पत्ती, अदरक, इलायची और चीनी डालकर चाय तैयार की जाती है. जब चाय अच्छी तरह उबल जाती है और झागदार हो जाती है, तब उसे गरम कुल्हड़ में डाला जाता है.

जैसे ही उबलती चाय गरम कुल्हड़ में गिरती है, उसमें से उठता धुआं और उबलने की सिजलिंग आवाज आसपास का माहौल महका देती है. कुल्हड़ की मिट्टी और तंदूर का धुआं चाय में ऐसा स्वाद भर देते हैं जो किसी भी स्टाइलिश कप में नहीं मिल सकता. इस चाय की यही देसी सादगी और अनोखा स्वाद इसे खास बनाता है.सर्दियों की सुबह या शाम जब ठंडी हवाएं चलती हैं और हाथ ठिठुरते हैं तब तंदूरी चाय का एक घूंट शरीर में गर्माहट घोल देता है. यह चाय न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि एक अनुभव भी देती है.

दुकानदार बताते हैं कि उनकी चाय 25-30 रुपए प्रति कुल्हड़ के रेट से बिकती है. इस चाय में वह कई प्रकार के मसाले इलायची, लौंग, दालचीनी भी डालते हैं, जिससे स्वाद भी मजेदार आता है. जिस प्रकार यहां पर बिक्री होती हैं उससे इन्हे प्रतिदिन हजारों रुपए का फायदा होता है.

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ठिठुरती सर्दी में कुल्हड़ से उठी भाप ने मचा दी धूम, तंदूरी चाय का चला जादू


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