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251बिना तेल का पानी वाला मिर्च अचार हरियाणा का पारंपरिक स्वाद है—तीखा, खट्टा और तीन दिन में तैयार होने वाला यह अचार बेहद मजेदार लगता है. इसमें तेल बिल्कुल नहीं डाला जाता, फिर भी इसका स्वाद लाजवाब होता है. यह पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है, पाचन को सुधारता है और हर मौसम में खाने का मजा कई गुना बढ़ा देता है.
हरियाणा में यह पानी वाला मिर्च का अचार बेहद पसंद किया जाता है. इसमें ज़रा भी तेल नहीं डाला जाता, फिर भी इसका स्वाद लाजवाब होता है. केवल तीन दिन में यह अचार तैयार हो जाता है और सर्दी–गर्मी, हर मौसम में उतना ही मजेदार लगता है.
इस अचार के लिए ताज़ी हरी मिर्च, बारीक राई, सौंफ, मेथी, हल्दी, हींग, नमक, सिरका और पानी की जरूरत होती है. इसमें कोई खास या महंगी सामग्री नहीं लगती, सब कुछ घर में आसानी से मिल जाता है. सस्ता होने के बावजूद इसका स्वाद नंबर वन रहता है.
मिर्चों को अच्छी तरह धोकर पूरी तरह सूखा लें. डंठल बिल्कुल न तोड़ें. हर मिर्च में हल्का-सा लंबा कट लगा दें, ताकि मसाला अंदर तक अच्छी तरह चला जाए. बस इतनी-सी तैयारी है, इसके बाद अचार झटपट तैयार हो जाता है.
राई, सौंफ, मेथी, जीरा, हल्दी, हींग और नमक को दरदरा पीस लें. अब पानी उबालें और उसमें मिर्च डालकर गैस बंद कर दें. दस मिनट बाद मिर्चों को निकाल लें. यह उबला हुआ पानी बाद में अचार में इस्तेमाल किया जाएगा.
अब हर मिर्च में प्यार से मसाला भर दें. फिर एक साफ और सूखे जार में सभी मिर्चें डाल दें. ऊपर से बचा हुआ मसाला भी डालें और फिर उबला हुआ ठंडा पानी तथा सिरका डालें, ताकि मिर्चें पूरी तरह पानी में डूब जाएं.
जार को कपड़े से ढककर दो–तीन दिन धूप में रख दें. अगर मौसम ठंडा हो तो चार–पांच दिन तक भी रख सकते हैं. जब पानी में हल्की खटास आने लगे और राई ऊपर दिखने लगे, तो समझ लें कि अचार बिल्कुल तैयार हो गया है.
यह अचार खाने में तो जबरदस्त होता ही है, साथ ही पेट के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. गैस, कब्ज और पाचन की दिक्कत को दूर करने में मदद करता है. चाहें तो इसका पानी भी पी सकते हैं—बिल्कुल गोलगप्पे के पानी जैसा मजा देता है.
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