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Famous Gulab Jamun in Sagar: सागर-जबलपुर हाईवे पर गौतम जी की दुकान के सानोदा के बड़े और रसदार गुलाब जामुन सागर समेत भोपाल दमोह विदिशा में भी मशहूर हैं, एक बार खाने वाला दीवाना हो जाता है. (रिपोर्ट: अनुज गोतम/सागर)
अगर आप सागर के रहने वाले है, अच्छा और मीठा खाने के शौकीन हैं, इसके बाद भी सानोदा के गुलाब जामुन नहीं खाए हैं तो आपने कुछ नहीं खाया. एक बार कोई गलती से भी इन गुलाब जामुन को खा लेता है तो फिर वह इनका दीवाना हो जाता है.
इसकी वजह है दुकानदार के द्वारा बेहद ही बड़ा, मुलायम और रस से लबालब गुलाब जामुन. जब यह गरम-गरम किसी के हाथों में आते हैं और जैसे ही मुंह में रखता है तो ऐसा लगता है जैसे संसार का सारा सुख इसी में हो.
यहां के गुलाब जामुन केवल सागर में ही नहीं दमोह जबलपुर भोपाल विदिशा सहित अन्य जिलों मैं भी पसंद किए जाते है. दूसरे जिलों के लोग जब भी इस रास्ते से निकलते है या उसके किसी परिचित रिश्तेदार का निकलना होगा तो वह पार्सल करवा के अपने पास मंगवाते हैं.
सागर मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सागर जबलपुर स्टेट हाईवे पर गौतम जी की दुकान के नाम से चाय नाश्ते की यह फेमस दुकान है. यहां हर समय ग्राहकों का गुलाब जामुन खाने के लिए मेला सा लगा रहता है.
यहां एक गुलाब जामुन की साइज डेढ़ सौ ग्राम की होती है और मात्र 10 रुपए में नग में बेचा जाता है, इनको लोग जितना दुकान पर खाते हैं उससे अधिक अपनी फैमिली बच्चों के लिए पैक करवा के घर ले जाते हैं.
सहदेव गौतम बताते हैं कि वह मिठाई में गुजिया कलाकंद पेड़ा गुलाब जामुन और मावा जलेबी खुद ही तैयार करते हैं, ताकि ग्राहक का भरोसा और विश्वास टूट न पाए साथ ही उन्हें स्वच्छ और स्वादिष्ट चीज मिले इसका पूरा ख्याल रखते हैं.
दूसरे जगह की तुलना में हम लोग रसगुल्ला बड़ा बनाते हैं, मावा तैयार होने के बाद एक घान में करीब 1 घंटे का समय लगता है तब जाकर गुलाब जामुन तैयार हो पाते है.
पप्पू कोटवार बताते हैं कि जब से दुकान खुली है ऐसे ही गुलाब जामुन खा रहे कोई भी एक बार खाता है तो इसका दीवाना हो जाता है मैं अगर यहां से जिस दिन निकलता हूं बिना गुलाब जामुन खा आगे नहीं बढ़ पाता एक बार खाने के बाद बार-बार खाने का मन करता है.
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