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साधारण नहीं है ये पेड़ा, सदियों पुराना स्वाद, इलायची की महक, सावन में यहां रोज डेढ़ क्विंटल की खपत

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दुमका. झारखंड का बासुकिनाथ धाम तो प्रसिद्ध है ही, लेकिन यहां की एक मिठाई ने भी गदर मचा रखी है. खासकर सावन-भादो में इसकी डिमांड खासा बढ़ जाती है. बासुकिनाथ धाम में पेड़ा गली है, यहां श्री राम पेड़ा भंडार सबसे पुरानी दुकान मानी जाता है. यह दुकान बासुकीनाथ धाम के भक्तों और पर्यटकों के बीच एक खास स्थान रखती है.

यहां का पेड़ा, जो शुद्ध खोवा से तैयार किया जाता है, अपने स्वाद और मिठास के लिए दूर-दूर तक मशहूर है. पेड़ा गली की इस दुकान में रोजाना 30 से 40 केजी तक पेड़े की बिक्री होती है. लेकिन, इस दुकान में रोजाना 1 से 1.5 क्विंटल पेड़ा तैयार होता है, जो पूरे सावन और भादो में मंदिर के बाजार में अस्थाई दुकानों के माध्यम से भी बिकता है.

दुकान नहीं, पीढ़ियों की प्रतीक
दुकान संचालक अशोक कुमार साह ने Bharat.one को बताया कि वह अपने पूर्वजों की परंपरा को कायम रखते हुए इस दुकान को एक ऐसा संस्थान बना दिया है, जहां परंपरागत तरीके से बनी मिठाइयों की मांग हमेशा बनी रहती है. उनके मुताबिक, यह दुकान सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो परिवार के कई पीढ़ियों की मेहनत और समर्पण की कहानी को बयां करती है.

इलायची वाला पेड़ा
अशोक कुमार ने बताया कि इस दुकान में ओरिजनल खोवा से बने पेड़ा की 100 % गारंटी होती है. रेट की बात करें तो 370 से 400 रुपये किलो तक का पेड़ा मिलता है. जहां उनके दुकान में तैयार किया गए पेड़े में आपको विशेष इलायची की खुशबू मिलेगी. क्योंकि सदियों से उनके दुकान में इलायची वाला पेड़ा ही बनाया जाता है. इसमें 800 ग्राम खोवा, 200 चीनी और इलायची से यह पेड़ा बनाया जाता है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-basukinath-dham-peda-not-ordinary-taste-centuries-old-smell-of-cardamom-heavy-consumption-in-sawan-8599386.html

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