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Brandy History: समृद्ध है इस शराब का इतिहास, दवा के तौर पर हुई शुरुआत, कैसे बनी इलीट क्लास की ड्रिंक

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Brandy History: ब्रांडी का इतिहास दवा के तौर पर शुरू होकर एलीट क्लास की पसंद तक फैला है. ब्रांडी स्वाद और विरासत का प्रतीक है. कान्येक, रेमी मार्टिन और हेनेसी जैसे ब्रांड्स भारत में काफी लोकप्रिय हैं.

समृद्ध है इस शराब का इतिहास, दवा के तौर पर हुई शुरुआत,बनी इलीट क्लास की ड्रिंकआज ब्रांडी अपनी विशेषताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है.
Brandy History: जब भी कड़ाके की ठंड पड़ती है तो भारत में बड़े-बुजुर्ग अक्सर बच्चों को थोड़ी ब्रांडी देने की सलाह देते हैं. या तो पीने के लिए या मालिश के लिए. उनका मानना ​​है कि यह ठंड से बचाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ब्रांडी क्या है और यह कैसे काम करती है? ब्रांडी एक तरह की शराब है जो अंगूर या फलों के रस से बनती है. इसमें काफी मात्रा में अल्कोहल होता है जो शरीर में गर्मी पैदा करता है. यही कारण है कि इसे पीने से तुरंत गर्माहट महसूस होती है. इसके अलावा ब्रांडी में कुछ एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो शरीर को सर्दी से लड़ने में मदद कर सकते हैं. ब्रांडी एक ऐसी स्पिरिट है जिसने सदियों से दिलों को गर्माहट दी है. अपने स्वाद की तरह ही यह समृद्ध और जटिल इतिहास समेटे हुए है. एक औषधीय पेय के रूप में अपनी शुरुआत से लेकर एलीट क्लास के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनाने तक. समय के साथ ब्रांडी का सफर एक यादगार कहानी है.

एक दवा के तौर पर हुई शुरुआत
ब्रांडी की उत्पत्ति प्राचीन सभ्यताओं में देखी जा सकती है, जहां इसे शुरू में एक मेडिसिनल रेमिडी के रूप में डिस्टिल किया जाता था. ‘ब्रांडी’ शब्द डच शब्द टब्रांडेविजनट से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘जली हुई शराब.” हालांकि डिस्टिलेशन की प्रक्रिया सबसे पहले सातवीं शताब्दी में अरबों द्वारा अपनायी गयी थी. जिसमें शराब को गर्म करके पानी से अल्कोहल अलग किया जाता है. हालांकि जैसा कि हम आज जानते हैं यूरोप में बारहवीं शताब्दी तक ब्रांडी नहीं उभरी थी.

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जरूरत से विलासिता तक
मध्य युग में ब्रांडी का इस्तेमाल ज्यादातर दवा के तौर किया जाता था. माना जाता था कि यह विभिन्न बीमारियों को ठीक करती है और जीवन को लंबा बनाती है. भिक्षुओं और कीमियागरों ने इसके उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभिन्न डिस्टिलेशन तकनीकों के साथ प्रयोग किए. 14वीं शताब्दी तक ब्रांडी का उत्पादन पूरे यूरोप में फैल गया था. खासकर फ्रांस और स्पेन जैसे क्षेत्रों में जहां इसे एक पेय के रूप में लोकप्रियता मिलने लगी. जैसे-जैसे व्यापार मार्ग विस्तृत होते गए और यूरोपीय खोजकर्ता नए क्षेत्रों में प्रवेश करते गए. ब्रांडी एक मूल्यवान वस्तु बन गई. इस स्पिरिट को अक्सर लकड़ी के बैरल में ले जाया जाता था. इसी प्रथा से संयोगवश ब्रांडी के पुराने होने की खोज हुई. ओक बैरल में बिताए गए समय ने ब्रांडी को एक मधुर और समृद्ध स्वाद दिया. जिससे यह एक साधारण स्पिरिट से एक लक्जरी ड्रिंक में बदल गई.

इसमें काफी मात्रा में अल्कोहल होता है जो शरीर में गर्मी पैदा करता है.
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इलीट क्लास ने लिया हाथों-हाथ
17वीं शताब्दी तक ब्रांडी यूरोपीय एलीट क्लास के बीच एक पसंदीदा पेय के रूप में स्थापित हो चुकी थी. विशेष रूप से फ्रांस का कॉन्यैक क्षेत्र दुनिया के कुछ बेहतरीन ब्रांडी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हो गया. कॉन्यैक एक प्रकार की ब्रांडी है जो अंगूर की विशिष्ट किस्मों से बनाई जाती है और सख्त नियमों के तहत तैयार की जाती है. इसने गुणवत्ता के नए मानक स्थापित किए. इस बीच स्पेन, इटली और अमेरिका ने अपनी ब्रांडी विकसित करना शुरू कर दिया. जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट विशेषताएं थीं. उदाहरण के लिए स्पेन में शेरी ब्रांडी का उत्पादन एक महत्वपूर्ण उद्योग बन गया. जबकि अक्सर सेब से बनाई जाने वाली अमेरिकी ब्रांडी ने औपनिवेशिक काल के दौरान लोकप्रियता हासिल की.

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आज दुनिया भर में प्रसिद्ध
आज ब्रांडी अपनी विशेषताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. फ्रांस की रिफाइंड कॉन्यैक से लेकर फलों वाली अमेरिकी ब्रांडी तक यह स्पिरिट हर किसी के लिए कई तरह के स्वाद और फ्लेवर प्रदान करती है. चाहे इसे शुद्ध रूप से लिया जाए, कॉकटेल में या रात के खाने के बाद डाइजेस्टिफ के रूप में. ब्रांडी भोग और विलासिता का प्रतीक बनी हुई है. आधुनिक उत्पादन तकनीकों ने और भी अधिक प्रयोग और इनोवेशन की गुंजाइश पैदा की है. जहां डिस्टिलर ब्रांडी की अनूठी वैरायटी तैयार कर रहे हैं जो उनके क्षेत्र की परंपराओं को दर्शाती हैं. परिणामस्वरूप ब्रांडी की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है, खासकर युवा पीढ़ी के बीच. जो इसके समृद्ध इतिहास और टाइमलेस अपील की सराहना करते हैं.

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सबसे ज्यादा मांग वाली ब्रांडी कान्यैक फ्रांस के कान्यैक क्षेत्र में बनती है.

सबसे लोकप्रिय ब्रांड कान्यैक
ब्रांडी की शुरुआत भले ही फ्रांस में हुई हो, पर आज यह दुनिया भर में बनाई और पसंद की जाती है. सबसे मशहूर और सबसे ज्यादा मांग वाली ब्रांडी, कान्यैक (Cognac), फ्रांस के कान्यैक क्षेत्र से आती है. इसे तभी कान्यैक कहा जा सकता है, जब यह इसी खास इलाके के अंगूरों से बनी हो. कान्यैक के अलावा आर्मग्नैक, पिस्को और ग्रेप्पा भी ब्रांडी के कुछ और लोकप्रिय प्रकार हैं. व्हिस्की की तरह ही ब्रांडी भी अक्सर रात के खाने के बाद पी जाती है. यह अपने रेशमी, मुलायम और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है. ब्रांडी से कई स्वादिष्ट कॉकटेल भी बनाए जाते हैं, जैसे कि साइडकार, विएक्स कैरे, ब्रांडी मैनहैटन और ब्रांडी ओल्ड फैशन.

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ब्रांडी की विरासत का आनंद
ब्रांडी का इतिहास इस अद्भुत स्पिरिट के चिरस्थायी आकर्षण का प्रमाण है. एक मेडिसिनल रेमिडी के रूप में अपनी शुरुआत से लेकर एक प्रिय पेय के रूप में अपनी जगह बनाने तक ब्रांडी सदियों से विकसित होती रही है. वह बदलते स्वादों और तकनीकों के साथ तालमेल बिठाते हुए अपना एसेंस बरकरार रखती रही है. चाहे आप ब्रांडी के पारखी हों या ब्रांडी की दुनिया में नए. इस प्रसिद्ध स्पिरिट को जानने और इसकी गहराई और जटिलता को जानने के लिए इससे बेहतर समय और कोई नहीं हो सकता.

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भारत के 10 सर्वश्रेष्ठ ब्रांडी ब्रांड
1 मॉर्फियस: मॉर्फियस एक्सओ ब्लेंडेड प्रीमियम ब्रांडी- 750 मिलीलीटर – 1520 रुपये
2 रेमी मार्टिन: रेमी मार्टिन VSOP – 1000सीएल –  9,000 रुपये
3 ओल्ड एडमिरल: ओल्ड एडमिरल वीएसओपी ब्रांडी – 750 मिलीलीटर – 310 रुपये
4 बूट्ज़ ऑथेंटिक डच ग्रेप: बूट्ज़ डच ग्रेप ब्रांडी – 750 मिलीलीटर – 1160 रुपये
5 मोंट कैसल फ्रेंच ग्रेप: मोंट कैसल फ्रेंच ग्रेप- 750 मिलीलीटर – 960 रुपये
6 हेनेसी: हेनेसी वीएस- 1000 सीएल- 6,490 रुपये
7 गोल्डन ग्रेप्स: गोल्डन ग्रेप्स ब्रांडी – 750 मिलीलीटर – 250 रुपये
8 मैकडॉवेल्स नंबर 1: मैकडॉवेल्स नंबर 1 (दिल्ली में)- 750 मिलीलीटर – 460 रुपये
9 हनी बी: हनी बी ब्रांडी- 750 मिलीलीटर – 580 रुपये
10 कूरियर नेपोलियन: दिल्ली में कूरियर नेपोलियन ब्रांडी की कीमत-750 मिलीलीटर – 550 रुपये
(नोट: यह राज्य सरकार द्वारा निर्धारित एमआरपी है और प्रत्येक राज्य में अलग-अलग हो सकती है)

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