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Holi 2025: पाली के गुलाब हलवे के बिना अधूरी है होली, इसकी मिठास त्योहार में लगा देती है चार चांद

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Pali Rose Halwa: पाली का प्रसिद्ध गुलाब हलवा होली पर विशेष मांग में है. चैन सिंह की दुकान पर हजारों किलो हलवा बिकता है. विदेशों में भी इसकी मिठास की डिमांड है.

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गुलाब हलवे की इतनी डिमांड

हाइलाइट्स

  • पाली का प्रसिद्ध गुलाब हलवा होली पर विशेष मांग में है.
  • विदेशों से भी गुलाब हलवे के ऑर्डर आ रहे हैं.
  • चैन सिंह की दुकान पर हजारों किलो हलवा बिकता है.

पाली. होली का त्योहार हो और रंगो के बाद जब मिठाई की मिठास मुंह में न घुल जाए तो त्योहार फीका सा लगता है और अगर यह मिठास जब पाली के प्रसिद्ध गुलाब हलवे की हो तो त्योहार में चार चांद लग जाते हैं. यह हम नहीं कह रहे यह कह रहे है वह ग्राहक जो आज से नहीं बल्कि पिछले कई सालों से पाली के गुलाब हलवे के मुरीद रह चुके हैं. होली का त्योहार आते ही बाजारों में जहां कलर के बाजार सज चुके हैं तो पारंपरिक मिठाइयों का भी विशेष रूप से चलन बढ़ जाता है.

पाली की बात करें तो यहां पर पारंपरिक मिठाई के रूप में गुलाब हलवे को ही केवल पाली नहीं बल्कि देश विदेश में रहने वाले भारतीय भी उसको ही पसंद करते हैं. यही वजह है कि राजस्थान में रहने वाले अपने परिवारजनों के साथ इस होली गुलाब हलवे की डिमांड कर रहे है. पाली के प्रसिद्ध चैन सिंह के हलवे की दुकान पर होली के दिन तो भीड़ इतनी रहती है कि सांस लेने की फुर्सत नहीं रहती. होली के समय हजारों किलो हलवा स्पेशली तैयार होता है और बिक भी जाता है.

विदेश से होली पर खास हलवे की डिमांड
देश विदेश में रहने वाले भारतीय अपने परिवार के लोगों को विशेष रूप से गुलाब हलवे को इस होली पर भिजवाने की डिमांड कर रहे हैं. इस होली पर दुबई से लेकर लंदन और अमेरिका तक में भी गुलाब हलवा अपनी मिठास घोलने का काम करेगा. कई लोग ऐसे भी है जो 5-5 और 10-10 किलो गुलाब हलवा खरीदकर अपने परिवारजनों को विदेश तक भिजवाने का काम भी कर रहे हैं.

इस तरह होता है तैयार
गुलाब हलवे की रेसिपी का सीक्रेट बस इतना सा है कि दूध, शक्कर और थोड़ी सी इलायची के साथ इसे पकाना की टाइमिंग है. इसके स्वाद के पीछे पाली का क्लाइमेट और लोकल कारीगरों का हुनर भी महत्वपूर्ण है. जो भी इसका स्वाद एक बार चख लेता है, खुद को दोबारा टेस्ट करने से नहीं रोक पाता. तभी तो लोगों की जुबान पर चढ़ने वाला गुलाब हलवा आज सालाना 20 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर रहा है.

यह है गुलाब हलवे के पीछे का इतिहास
करीब 60 साल पहले मूलचंद कास्टिया की शहर के भीतरी बाजार जैन मार्केट के पास मिठाई की दुकान थी. उस समय वहां रबड़ी ही बनती थी. वहां गुलाब पुरी भी काम करते थे. कई बार दूध बच जाता था, जिसके उपयोग के लिए एक दिन उसमें शक्कर डालकर उसे धीमी आंच पर पकाना शुरू किया. जब दूध मावे में बदला तो उसका रंग मेहरून होता गया. इसके बाद उसे ठंडा करने के लिए रख दिया. जब इसे चखा तो उसका स्वाद सबसे अलग और अच्छा लगा. यहीं से गुलाब हलवे के बनने की कहानी शुरू हुई.

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पाली के गुलाब हलवे के बिना अधूरी है होली, इसकी मिठास का हर कोई है कायल


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-pali-rose-halwa-huge-demand-for-this-special-halwa-from-rajasthan-on-holi-orders-are-coming-from-abroad-local18-9097054.html

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