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Jodhpur Mawa Kachori: जोधपुर की मावा कचौरी तीन पीढ़ियों से परंपरा, स्वाद और सादगी का प्रतीक बनी हुई है. यह मिठाई देसी घी और पारंपरिक तरीके से तैयार की जाती है. आज भी सिर्फ ₹10 में मिलने वाली यह कचौरी देश-विदेश के पर्यटकों में लोकप्रिय है, जो त्योहारों पर जोधपुर की रौनक बढ़ाती है.
जोधपुर: राजस्थान की शान और सूर्य नगरी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर की पारंपरिक मिठाइयों में “मावा कचौरी” का नाम सबसे ऊपर है. यह मीठी और कुरकुरी कचौरी अब इस शहर की पहचान बन चुकी है और अब तक राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश और विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. जोधपुर का दौरा करने वाला हर शख्स इस लाजवाब मिठाई का स्वाद चखना चाहता है.
परंपरा और स्वाद की अनूठी खासियत.
इस दुकान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि गुजरते वर्षों के बावजूद, इसके स्वाद, गुणवत्ता और परंपरा में कोई बदलाव नहीं आया. वही देसी घी का उपयोग, वही पारंपरिक तरीका और वही पुरानी खुशबू, जो हर ग्राहक को जोधपुर की असली और पुरानी पहचान से रूबरू कराती है. दुकान के मालिक बताते हैं कि यह मावा कचौरी उनके दादा जी के समय से बनाई जा रही है.
उनका कहना है, “हमारा मकसद कभी सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं रहा, बल्कि लोगों को वही पुराना और शुद्ध स्वाद देना है जो तीन पीढ़ियों से चल रहा है. हम गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करते, चाहे इसके लिए हमें कम लाभ ही क्यों न हो.” उनका यह समर्पण ही इस कचौरी को स्थानीय लोगों के दिलों पर राज करने वाला एक प्रमुख कारण है.
विदेशी सैलानी भी हैं स्वाद के दीवाने.
भीतरी शहर के इस इलाके में दिनभर ग्राहकों की भारी भीड़ लगी रहती है. यहां केवल स्थानीय लोग ही नहीं आते, बल्कि इस मिठाई की प्रसिद्धि सरहदों को पार कर चुकी है. खास बात यह है कि विदेशी पर्यटक भी इस अनूठे स्वाद के दीवाने हैं. कई बार विदेशी सैलानी केवल मावा कचौरी का स्वाद लेने के लिए दूर-दूर से यहाँ आते हैं. गरमा-गरम देसी घी में तली गई और मावे की भरपूर फिलिंग से भरी यह कचौरी, ऊपर से मीठे सिरप में डूबी हुई, हर किसी का दिल जीत लेती है और एक अनोखा मीठा अनुभव प्रदान करती है.
त्योहारों में जबरदस्त रौनक.
दिवाली, होली और अन्य त्योहारों के दौरान ग्राहकों की भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि सुबह से लेकर देर रात तक ताजा कचौरी बनाने का सिलसिला अनवरत चलता रहता है. कई ग्राहक तो एडवांस में बड़ी मात्रा में ऑर्डर बुक कराते हैं. यही वजह है कि जोधपुर की यह मावा कचौरी न केवल स्वाद बल्कि शहर की सांस्कृतिक पहचान और पारंपरिक मिठास का प्रतीक बन चुकी है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-jodhpur-mawa-kachori-made-foreigners-fall-in-love-local18-9771707.html
