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Jharkhand’s Famous Rice Dumbu: झारखंड जाएं तो यहां की पारंपरिक डिश राइस डूम्बू, जरूर चखें. बिना तेल-मसालों के केवल भाप में बनने वाली यह डिश गांव-देहात से निकलकर अब मेन बाजार तक पहुंच चुकी है. जिले के अधिकारी भी इसके फैन हैं.
अधिकारियों की फेवरेट मिठाई
पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड की निवासी उर्मिला देवी बताती हैं कि राइस डूम्बू एक मिठाईनुमा व्यंजन है, जो स्वाद के साथ सेहत से भी भरपूर है. महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद से वे लंबे समय से इस डिश को बना रही हैं. इन दिनों वह “दीदी चिकन चैनपुर” का संचालन करती हैं, जहां से मोटे अनाज और पारंपरिक व्यंजनों से बने नाश्ते की सप्लाई प्रखंड और जिला कार्यालय में की जाती है. इस डिश का स्वाद कई बार जिले के अधिकारी भी चख चुके हैं.
ऐसे बनता है यह व्यंजन
इस व्यंजन को बनाने की विधि बेहद सरल है. सबसे पहले चावल को पीसकर उसका आटा तैयार किया जाता है. फिर उसमें गर्म पानी डालकर गूंथ लिया जाता है. इसके बाद नारियल का बुरादा और गुड़ मिलाकर मीठा मिश्रण बनाया जाता है. अब गूंथे हुए चावल के आटे की लोई बनाकर उसमें यह मिश्रण भर दिया जाता है और गोल आकार दिया जाता है. तैयार लोइयों को इडली के सांचे में रखकर करीब 15 मिनट तक भाप में पकाया जाता है. ठंडा होने पर राइस डूम्बू परोसने के लिए तैयार हो जाता है.
इस डिश की खासियत यह है कि इसमें तेल और मसालों का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह से हेल्दी मानी जाती है. गुड़ और नारियल के कारण इसमें प्राकृतिक मिठास और पौष्टिकता का मेल होता है. यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पसंद आता है. यही वजह है कि पलामू जिले के कई सरकारी कार्यक्रमों में मोटे अनाज से बने व्यंजनों के साथ राइस डूम्बू को भी परोसा जाता है.
गांव-देहात से आगे बढ़ी पहुंच
चैनपुर प्रखंड में तैयार होने वाला यह पारंपरिक व्यंजन अब केवल गांव-देहात तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि जिला कार्यालय तक इसकी सुगंध और स्वाद पहुंच चुका है. जब “दीदी चिकन चैनपुर” के जरिए यह डिश अधिकारियों तक पहुंचती है, तो वे भी इसे बड़े चाव से खाते हैं और इसकी जमकर तारीफ करते हैं.
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