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Rice Dumbu: बिना तेल-मसाले के भाप में बनती है झारखंड की ये पारंपरिक डिश, जिले के अधिकारी भी राइस डूम्बू के दीवाने! – Jharkhand News

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Jharkhand’s Famous Rice Dumbu: झारखंड जाएं तो यहां की पारंपरिक डिश राइस डूम्बू, जरूर चखें. बिना तेल-मसालों के केवल भाप में बनने वाली यह डिश गांव-देहात से निकलकर अब मेन बाजार तक पहुंच चुकी है. जिले के अधिकारी भी इसके फैन हैं.

Jharkhand’s Famous Dish Rice Dumbu: भारत के हर राज्य की अपनी-अपनी पारंपरिक खानपान संस्कृति है और झारखंड भी स्वाद और परंपरा के मामले में किसी से कम नहीं है. यहां मोटे अनाज से लेकर चावल और दालों तक से कई तरह के खास व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनका स्वाद अनोखा और लजीज होता है. इन्हीं पारंपरिक व्यंजनों में से एक है राइस डूम्बू, जिसे झारखंड के ग्रामीण इलाकों में लोग बड़ी रुचि से खाते हैं.

अधिकारियों की फेवरेट मिठाई
पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड की निवासी उर्मिला देवी बताती हैं कि राइस डूम्बू एक मिठाईनुमा व्यंजन है, जो स्वाद के साथ सेहत से भी भरपूर है. महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद से वे लंबे समय से इस डिश को बना रही हैं. इन दिनों वह “दीदी चिकन चैनपुर” का संचालन करती हैं, जहां से मोटे अनाज और पारंपरिक व्यंजनों से बने नाश्ते की सप्लाई प्रखंड और जिला कार्यालय में की जाती है. इस डिश का स्वाद कई बार जिले के अधिकारी भी चख चुके हैं.

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ऐसे बनता है यह व्यंजन
इस व्यंजन को बनाने की विधि बेहद सरल है. सबसे पहले चावल को पीसकर उसका आटा तैयार किया जाता है. फिर उसमें गर्म पानी डालकर गूंथ लिया जाता है. इसके बाद नारियल का बुरादा और गुड़ मिलाकर मीठा मिश्रण बनाया जाता है. अब गूंथे हुए चावल के आटे की लोई बनाकर उसमें यह मिश्रण भर दिया जाता है और गोल आकार दिया जाता है. तैयार लोइयों को इडली के सांचे में रखकर करीब 15 मिनट तक भाप में पकाया जाता है. ठंडा होने पर राइस डूम्बू परोसने के लिए तैयार हो जाता है.

बिना तेल मसालों के तैयार होती है यह डिश
इस डिश की खासियत यह है कि इसमें तेल और मसालों का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह से हेल्दी मानी जाती है. गुड़ और नारियल के कारण इसमें प्राकृतिक मिठास और पौष्टिकता का मेल होता है. यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पसंद आता है. यही वजह है कि पलामू जिले के कई सरकारी कार्यक्रमों में मोटे अनाज से बने व्यंजनों के साथ राइस डूम्बू को भी परोसा जाता है.

गांव-देहात से आगे बढ़ी पहुंच
चैनपुर प्रखंड में तैयार होने वाला यह पारंपरिक व्यंजन अब केवल गांव-देहात तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि जिला कार्यालय तक इसकी सुगंध और स्वाद पहुंच चुका है. जब “दीदी चिकन चैनपुर” के जरिए यह डिश अधिकारियों तक पहुंचती है, तो वे भी इसे बड़े चाव से खाते हैं और इसकी जमकर तारीफ करते हैं.

झारखंड की धरती पर तैयार होने वाली यह पारंपरिक डिश न केवल स्वाद में अलग है, बल्कि राज्य के फूड कल्चर और ग्रामीण जीवन की सरलता को भी दर्शाती है. अगर आप झारखंड घूमने आएं तो इस व्यंजन का स्वाद जरूर लें.
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बिना तेल-मसाले के भाप में बनती है झारखंड की ये पारंपरिक डिश, अधिकारी भी दीवाने


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