Friday, September 26, 2025
26 C
Surat

अब डायबिटीज के मरीज भी खा सकेंगे चावल, विकसित हुई यह नई प्रजाति, कंट्रोल में रहेगा शुगर


आजमगढ़: भारत में डायबिटीज एक ऐसी बीमारी हो चुकी है, जो लगातार बढ़ रही है देश में ज्यादातर लोग डायबिटीज की बीमारी से परेशान है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों के लिए खान-पान में विशेष परहेज की आवश्यकता होती है. विशेष कर उन खाद्य पदार्थों को खाने की मनाही होती है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट एवं ग्लाइसीमिक इंडेक्स (जीआई)की मात्रा अधिक होती है. ऐसे मरीजों को चावल खाने में विशेष रूप से परहेज करना पड़ता है. क्योंकि चावल में ग्लिसमिक इंडेक्स अधिक होता है.

शुगर के मरीजों की इस समस्या का हल निकाला है अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान ने. संस्थान द्वारा चावल की ऐसी किस्मों का विकास किया जा रहा, जिनका ग्लाइसीमिक इंडेक्स कम हो, ऐसी प्रजाति मधुमेह (डायबेटीज) के रोगियों के लिए वरदान साबित होगी. सामान्य चावल में जीआई की मात्रा लगभग 60 से 70 पाई जाती है, जो की शुगर लेवल को अचानक से बढ़ने का कारण बनती है. लेकिन संस्था द्वारा विकास किए गए चावल की इस नई प्रजाति की सबसे खास बात यह है कि इसमें जीआई  की मात्रा 50 या उससे भी कम होगी.

अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, फिलिपींस के दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय केन्द्र, वाराणसी के निदेशक डॉक्टर सुधांशु सिंह ने आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय कोटवा का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने लोकल-18 को बताया कि दुनिया की लगभग 60 प्रतिशत और भारत की लगभग 50 प्रतिशत चावल की प्रजातियों के विकास में इस संस्थान का विशेष योगदान रहा है. जलवायु अनुकूल प्रजातियों के विकास में संस्थान ने विशिष्ट कार्य किया है. प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ सूखा आदि प्रतिकूल परिस्थिति में भी किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सके ऐसी प्रजातियों जैसे स्वर्णा सब -1, सम्भा सब -1 आदि का विकास किया गया है. साथ ही यह तकनीक विभिन्न संस्थानों के माध्यम से किसानों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है.

कम जीआई वाले चावल अधिक लाभदायक

उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा चावल की ऐसी किस्मों का विकास किया गाया है. जिनका ग्लाइसीमिक इंडेक्स कम हो, ऐसी प्रजाति मधुमेह (डायबेटीज) के रोगियों के लिए वरदान साबित होगी. घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान्य चावल का ग्लिसमिक इंडेक्स लगभग 70 के करीब होता है. लेकिन इस नई प्रजाति के चावल का ग्लिसमिक इंडेक्स 50 या उससे भी कम होगा. ऐसे में शुगर के मरीज के लिए या चावल बिल्कुल नुकसानदेह नहीं होगा.

डायबिटीज से पीड़ित मरीज के शरीर में प्रचुर मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता. जिसकी वजह से डायबिटीज के लेवल को मेंटेन करवाने में कठिनाई होती है. ऐसे में इस नए चावल के विकास से मधुमेह के मरीजों को चावल न खाने की समस्या से निजात मिलेगी और वह अपनी इच्छा अनुसार चावल का सेवन कर सकेंगे.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-rice-for-diabetic-people-diabetic-patients-will-also-be-able-to-eat-rice-new-species-has-been-developed-local18-8737581.html

Hot this week

Kanpur Vaishno Devi Temple। कानपुर वैष्णो देवी मंदिर

Last Updated:September 26, 2025, 07:01 ISTNavratri 2025 Special:...

Topics

Kanpur Vaishno Devi Temple। कानपुर वैष्णो देवी मंदिर

Last Updated:September 26, 2025, 07:01 ISTNavratri 2025 Special:...

नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर सुनें मां कूष्मांडा की कथा, सब संकट हर लेंगी मातारानी

https://www.youtube.com/watch?v=LYAvfJrrcnIधर्म Maa Kushmanda Katha: नवरात्रि की चतुर्थी तिथि 26...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img