Tuesday, October 7, 2025
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अमृत से कम नहीं, चने जैसी दिखने वाली यह चीज, इसके आगे बदाम- काजू भी सस्ते, जड़ से मिटेगा जोड़ों का दर्द!


कुल्‍लू. कुल्लू में चल रहे सरस मेले में पहाड़ी लहसुन बिक रहा है. लहसुन की यह वैरायटी कई दवाइयों में इस्तेमाल की जाती है. इसकी कीमत भी बाजार में बिक रहे ड्राई फ्रूट से ज्यादा है. इस पहाड़ी लहसुन को कश्मीरी लहसुन के नाम से भी जाता है. क्या आप जानते हैं कि इस लहसुन में सेहत से जुड़े कई फायदे मिलते हैं.

ड्राई फ्रूट से महंगा पहाड़ी लहसुन
पहाड़ों में मिलने वाले कई ड्राई फ्रूट्स के कई सारे फायदे होते हैं, लेकिन वहीं पहाड़ों में मिलने वाली लहसुन की एक वैरायटी जिसे पहाड़ी लहसुन या कश्मीरी लहसुन के नाम से जाना जाता है, यह पहाड़ी लहसुन ड्राई फ्रूट से भी कई महंगा बिकता है. कुल्लू में चल रहे सरस मेले में भुंतर से आए स्वयं सहायता समूह के द्वारा लहसुन की यह वैरायटी बेची जा रही है. यह लहसुन, अन्य ड्राई फ्रूट्स से भी महंगा बिक रहा है. भुंतर की रहने वाली निर्मला ने बताया कि इसकी कीमत बाजार में 1500 रुपए प्रति किलो है और इस पहाड़ी लहसुन के कई फायदे भी हैं.

कई गुणों से भरा है पहाड़ी लहसुन
भुंतर के बगीच की रहने वाले निर्मला देवी ने बताया कि उनके स्वयं सहायता समूह का नाम नवज्योति स्वयं सहायता समूह है. उनके द्वारा यहां पहाड़ी लहसुन बेचा जा रहा है. जिसके सेहत से जुड़े कई सारे बेनिफिट है.  इस लहसुन के द्वारा कोलेस्ट्रॉल को मेंटेन किया जाता है, साथ ही यह जोड़ो में दर्द और खून को पतला करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. हृदय रोग के लोगों के लिए यह पहाड़ी लहसुन एक चमत्कारी दवाई है. लोगों के द्वारा भी लहसुन को इस वैरायटी को अब पसंद किया जा रहा है. इस लहसुन को लोग सब्जियों में डाल कर इस्तेमाल कर रहे हैं और दवाइयों के तौर पर भी इसे खाया जा रहा है.

3 साल बाद तैयार होती है पहाड़ी लहसुन की फसल
निर्मला देवी ने बताया कि पहाड़ी लहसुन ज्यादातर ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में पाया जाता था. और जंगलों में खुद से ही उगता था. लेकिन अब कुल्लू में भी इसकी फसल शुरू होने लगी है. उन्होंने बताया कि 5 साल पहले उनके पति इस पहाड़ी लहसुन का बीज लेकर आए थे. जिसके बाद निर्मला देवी ने इसे कुल्लू में बीजा और 3 साल बाद इसकी फसल तैयार हुई. उन्होंने बताया कि लहसुन की यह वैरायटी को आम लहसुन की तरह ही बीजा जाता है. और इससे फसल तैयार होने में 3 साल का वक्त लगता है. इस लहसुन से उगने वाले फसल देखने में आम लहसुन से छोटी और गहरे पीले रंग की होती है. हालांकि स्वाद और खुशबू में दोनों लहसुन एक जैसे ही प्रतीत होते है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-pahadi-garlic-expensive-than-dry-fuits-kashmiri-garlic-amazing-benefits-local18-8801658.html

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