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इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर सर्दी-जुकाम तक, ‘अमृतबेल’ का काढ़ा है वरदान, अपने गार्डन में भी लगा सकते हैं पौधा

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Giloy Health Benefits: बढ़ती सर्दी और वायरल संक्रमण के बीच गिलोय का काढ़ा एक विश्वसनीय घरेलू औषधि के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. ‘अमृतबेल’ कहलाने वाली गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, थकान कम करने और हल्के बुखार में राहत देने के लिए जानी जाती है. इसका काढ़ा बनाना आसान है और तुलसी, अदरक या काली मिर्च मिलाकर इसके लाभ और बढ़ जाते हैं. गिलोय का पौधा घर में आसानी से उग जाता है और कम देखभाल में भी खूब फलता-फूलता है. यह एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर है.

बदलते मौसम में जहां सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं गिलोय का काढ़ा लोगों के लिए एक आसान और प्रभावी घरेलू उपाय बनकर उभर रहा है. औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, बल्कि शरीर की थकान और बार-बार होने वाले हल्के बुखार में भी फायदेमंद माना जाता है. डॉक्टर्स और आयुर्वेद विशेषज्ञ भी इसे इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में अपनाने की सलाह देते हैं.

गिलोय को आयुर्वेद में ‘अमृतबेल’ कहा जाता है, क्योंकि यह बेल हर प्रकार के मौसम में सहजता से उग जाती है और लंबे समय तक हरा-भरा रहती है. इसके काढ़े का उपयोग प्राचीन समय से बुखार, खांसी-जुकाम, शरीर में कमजोरी और पाचन संबंधी समस्याओं में किया जाता रहा है. खास बात यह है कि इसका सेवन शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है और संक्रमणों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है.

घर पर गिलोय का काढ़ा बनाना बेहद आसान है. दो से तीन इंच की गिलोय की तने को लेकर हल्का सा कूट लें. इसे एक गिलास पानी में उबालें और पानी आधा रह जाने पर आंच बंद कर दें. रोजाना सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले गुनगुना करके पीने से बेहतर परिणाम मिलते हैं. कई लोग इसमें तुलसी, अदरक या काली मिर्च भी डालते हैं, जिससे काढ़ा और भी ज्यादा फायदेमंद हो जाता है.

आजकल लोग अपने घरों में औषधीय पौधों को लगाने के प्रति ज्यादा जागरूक हो रहे हैं. ऐसे में गिलोय का पौधा घर के गार्डन में होना किसी प्राकृतिक दवा की तरह काम करता है. यह बेल आसानी से किसी भी दीवार, पेड़ या स्टैंड पर चढ़ जाती है और ज्यादा जगह भी नहीं घेरती. इसकी देखभाल भी बेहद आसान है और यह कम पानी में भी तेजी से बढ़ती है.

गिलोय के पौधे को लगाने से न सिर्फ आप काढ़ा बनाने के लिए ताजा डंठल प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि घर के वातावरण में भी हरियाली और शुद्धता बनी रहती है. कई लोग इसे गमले में भी उगाते हैं, और इसकी बेल छत या बारजे पर आसानी से फैल जाती है.यह पौधा गर्मी और सर्दी, दोनों मौसम में टिकाऊ माना जाता है.

गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण यह कई प्रकार की मौसमी बीमारियों में मददगार साबित होता है. नियमित रूप से इसका सेवन शरीर को हल्का, सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखने में सहायक होता है.कई परिवार इसे रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल करते हैं.

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अपने घर के गार्डन में उगाएं ‘अमृतबेल’, काढ़ा के सेवन से मिलेंगे गजब के फायदे


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