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केले देखते ही स्वीडन की मंत्री के छूट जाते हैं पसीने ! आखिर क्या है इसकी वजह? जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे

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Swedish Minister Banana Phobia News: स्वीडन की जेंडर इक्वेलिटी मिनिस्टर पॉलिना ब्रैंडबर्ग को केले से बहुत डर लगता है और उन्होंने आयोजकों से वीआईपी इवेंट में केले को बैन करने की अपील की है. रिपोर्ट्स की मानें तो एक ईमेल में खुलासा हुआ है कि ब्रैंडबर्ग को केले से फोबिया है और वह केला देखते ही परेशान हो जाती हैं. एक बार उन्होंने इस अजीब फोबिया को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी थी, लेकिन बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था. जैसे ही यह खबर लोगों को पता चली, वैसे ही सब यह जानने में लग गए कि आखिर केले से किसी को डर कैसे लगता है और यह कौन सी बीमारी होती है. चलिए इस बारे में साइकेट्रिस्ट से अनसुनी बातें जान लेते हैं.

नई दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर और साइकेट्रिस्ट डॉ. प्रेरणा कुकरेती ने Bharat.one को बताया कि अगर किसी व्यक्ति को केला या किसी चीज से डर लगता है, तो मेडिकल की भाषा में इसे फोबिया कहा जाता है. फलों से होने वाले फोबिया को फ्रक्टोफोबिया (Fructophobia) कहते हैं और इससे पीड़ित लोगों को कुछ फल देखते ही डर और एंजाइटी होने लगती है और वे पसीना-पसीना हो जाते हैं. इन फलों को देखकर दिल की धड़कन बढ़ जाती है और वे असहज महसूस करने लगते हैं. ऐसी कंडीशन में फल खाना तो दूर, वे फल को आसपास रखना भी पसंद नहीं करते हैं. यह फोबिया बचपन से भी हो सकता है या अचानक भी पैदा हो सकता है.

रेयर होता है फलों का फोबिया

साइकेट्रिस्ट ने बताया कि अधिकतर लोगों को कीड़े-मकौड़े, पानी और ऊंचाई से डर लगता है और ये सबसे कॉमन फोबिया होते हैं. हालांकि फल और सब्जी से होने वाले फोबिया बहुत रेयर होते हैं. अगर किसी व्यक्ति को केले से फोबिया है, तो वह रेयर मामलों में शामिल किया जाता है. फलों से फोबिया किसी भी उम्र में हो सकता है. कई बार इसे साइकेट्रिक डिसऑर्डर कहा जाता है, जो जेनेटिक या साइकोलॉजिकल फैक्टर्स के कारण होता है. इसके अलावा यह फोबिया ट्रोमैटिक एक्सपीरिएंस या अर्ली लाइफ में किसी अन्य शख्स के साथ हुई घटना की वजह से हो सकता है.

क्या है फ्रक्टोफोबिया का ट्रीटमेंट?

डॉक्टर प्रेरणा ने बताया कि फ्रूट फोबिया का ट्रीटमेंट कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) से की जाती है और लोगों को धीरे-धीरे उस फल से सहज होने की कोशिश करवाई जाती है. इससे धीरे-धीरे लोगों का व्यवहार नॉर्मल होने लगता है. कई मामलों में इस फोबिया को दूर करने के लिए एक्सपोजर थेरेपी का भी उपयोग किया जाता है. इसमें व्यक्ति को धीरे-धीरे फल से इंट्रोड्यूस करवाया जाता है, ताकि उसकी चिंता और डर में कमी आए. सीवियर मामलों में एंटी एंजायटी और एंटी डिप्रेसेंट जैसी कुछ दवाइयां भी दी जा सकती हैं. इसके अलावा मेडिटेशन और योग के जरिए भी इससे निजात मिल सकती है.

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-swedish-minister-paulina-brandberg-banana-phobia-doctor-explains-fruit-phobia-causes-treatment-8835585.html

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