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क्या सच में हड्डियों का पुराना दर्द सर्दी में वापस आ जाता है, क्या है कारण, डॉक्टर से जान लें सारी बात

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Old pain back in winter season: यूं तो सर्दी आते ही कई लोगों के हाथ-पैरों के ज्वाइंट में दर्द होने लगता है लकिन जिन लोगों को हड्डियों से संबंधित पहले से दिक्कत हैं, उन्हें सर्दी में बहुत परेशानी होती है. इसके अलावा अक्सर कहा जाता है कि जब भी सर्दी आती है चाहे किसी को हड्डियों की कोई बीमारी हो या न हो, अगर कभी चोट लगी होती है तो उसका दर्द भी वापस आ जाता है. क्या इस बात में सच्चाई है. आखिर इसका कारण क्या है. इस बात को लेकर न्यूज 18 ने मैक्स हेल्थकेयर में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संदीप सिंह से बात की.

क्या सच में विंटर में दर्द होता
डॉ. संदीप सिंह ने बताया कि सर्दियों में जब ब्लड वैसल्स सिकुड़ती है तो जोड़ों में स्टीफनेस बढ़ जाती है. यानी जोड़ों के पास हार्डनेस बढ़ने लगता है. इसलिए ऑस्टयोपोरोसिस, ऑर्थराइटिस या जिन लोगों को पहले से इस तरह की समस्याएं हैं उनकी हड्डियों में दर्द बढ़ जाता है. लेकिन जरूरी नहीं कि सिर्फ हड्डियों में दर्द ही हो, अगर मांसपेशियों में गहरी चोट लगी है तो भी यह दर्द वापस आ सकता है. दरअसल, तापमान घटने से हड्डियों में जाम होने लगता है. यह नेचुरल प्रोसेस है. बाहर जब तापमान कम होता है तो शरीर इस हीट को अपने अंदर रखने की कोशिश करता है. इसलिए बॉडी के अंदर हीट ज्यादा रहती है. इसलिए वह हीट को छोड़ना नहीं चाहती. लेकिन बॉडी का बाहरी अंग जैसे कि स्किन, हाथ, पैर आदि ठंडे होने लगते हैं. क्योंकि ब्लड वैसल्स सिकुड़ने से वहां तक सर्कुलेशन कम होने लगता है. इससे नसें भी सिकुड़ने लगती है. इसलिए इन अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने लगती है और दर्द होने लगता है.

क्यों पुराना आ जाता है वापस
जहां पहले से चोट लगी है चाहे वह ठीक ही क्यों न हो गया हो, वहां दर्द उभर जाता है. दरअसल, जब हड्डियों में चोट लगती है तो उस जगह की मांसपेशियां और नसें डैमेज हो जाती है. दवा या प्लास्टर लगाने से बॉडी तो हील हो जाती है लेकिन वहां की जो कुदरती क्षमता होती है वह प्रभावित हो जाती है. इससे वहां की मांसपेशियों और नसों में वो ताकत नहीं रह पाती जो पहले से रहती है. इसलिए जब सर्दी आती है तब हड्डियों में लगी पुरानी चोट वापस आ सकती है और दर्द होने लगता है. हालांकि यह सबके साथ हो, जरूरी नहीं. कुछ लोगों में सब कुछ पहले जैसा हो जाता है और फिर उसे दर्द नहीं होता. लेकिन जिन लोगों में दर्द के कारण मांसपेशियों को क्षति होती है, तो उन जगहों पर दोबारा कुदरती ताकत नहीं आ पाती है. इसलिए यह सबसे वीकेस्ट प्वाइंट हो जाता है. इसलिए इन जगहों पर सर्कुलेशन कम हो जाता.ऐसे में यहां दर्द होना शुरू हो जाता है.

क्या करें कि दर्द न हो
डॉ. संदीप सिंह ने बताया कि पुराना दर्द हो या सर्दी का दर्द, इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका है कि ठंड से खुद को बचाएं. ज्यादा ठंड में बाहर कम निकलें. घर को अंदर से गर्म रखें. जहां दर्द हो रहा है वहां गर्म पानी से सिंकाई करें. अगर सूजन के साथ दर्द है तो गर्म पानी में नमक डालकर इससे सिंकाई करें. सर्दी में अच्छे से शरीर को ढके. बर्तन साफ करते समय गर्म पानी का इस्तेमाल करें. अगर हड्डियों की समस्या है तो बर्फ में जाने से बचें.

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