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Korba News: आयुर्वेद आचार्य डॉक्टर नागेंद्र नारायण शर्मा ने Bharat.one से कहा कि चिरचिटा पाचन तंत्र के लिए अद्भुत काम करता है. यह पाचन में सुधार करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करता है. वहीं कब्ज, पेट दर्द और गैस्ट्रिक विकारों में फौरन राहत देने की क्षमता रखता है.
कोरबा. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अक्सर घरों के आसपास एक पौधा बड़ी तेजी से उगता है, जिसे आमतौर पर लोग खरपतवार मानकर जड़ से उखाड़ फेंकते हैं. इस पौधे को स्थानीय भाषा में चिरचिटा या संस्कृत में अपामार्ग कहा जाता है. चौंकाने वाली बात यह है कि जिसे हम जंगली पौधा मानते हैं, वह आयुर्वेद की दृष्टि से एक महाशक्तिशाली जड़ी-बूटी है. आयुर्वेद आचार्य डॉक्टर नागेंद्र नारायण शर्मा ने इस पौधे के गुणों के बारे में बताते हुए कहा कि चिरचिटा अपने आप में एक संपूर्ण आयुर्वेदिक फार्मेसी है. यह अपने सूजन-रोधी, मूत्रवर्धक और तेजी से घाव भरने वाले गुणों के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग सदियों से लोक चिकित्सा में किया जा रहा है.
डॉक्टर शर्मा बताते हैं कि चिरचिटा पाचन तंत्र के लिए अद्भुत काम करता है. यह पाचन में सुधार करता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करता है. कब्ज, पेट दर्द और गैस्ट्रिक विकारों में तुरंत राहत देने की क्षमता रखता है.
गुर्दे और मूत्राशय की पथरी में सहायक
गुर्दे की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए इसकी जड़ संजीवनी बूटी से कम नहीं है. इसकी जड़ का काढ़ा गुर्दे के दर्द में बहुत फायदेमंद होता है और मूत्राशय की पथरी को तोड़ने और उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है.
दांतों और मसूड़ों का रक्षक
दांतों और मसूड़ों के रोगों में भी चिरचिटा अत्यंत उपयोगी है. इसके पत्तों का रस या काढ़ा मुंह के छालों और दांतों के दर्द में आराम देता है. पारंपरिक रूप से इसकी टहनी का उपयोग दातुन के रूप में भी किया जाता है, जो दांतों के आसपास मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायक है.
त्वचा रोगों का उपचार
बाहरी उपयोग के लिए, इसके पत्तों को पीसकर फोड़े-फुंसी, एक्जिमा और अन्य त्वचा संक्रमणों पर लेप लगाया जाता है. यह न केवल संक्रमण को ठीक करता है बल्कि घाव भरने की गति को भी तेज करता है. डॉ शर्मा जोर देकर कहते हैं कि हमें प्रकृति द्वारा दिए गए इन औषधीय उपहारों के मूल्य को समझना चाहिए और उन्हें केवल जंगली पौधा मानकर नष्ट करने से बचना चाहिए. इन सब का प्रयोग करने से पहले एक बार आयुर्वेद एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-chirchita-benefits-apamarg-is-very-beneficial-for-health-local18-9811737.html
