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घास-फूंस नहीं ये सचमुच की संजीवनी, पीलिया से इंफेक्शन तक में रामबाण! झट से भगाए फोड़े-फुंसी, दाद-खाज – Uttarakhand News

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Black Nightshade Uses : अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. नजर पड़ती भी है तो तहस-नहस कर डालते हैं, लेकिन ये सदियों से हमारे लिए कुदरत की नियामत रहा है. बस हम इसके बारे में जानते कम हैं.

ऋषिकेश. ऐसे पौधों को अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि ये सेहत का खजाना हैं. मकोई (Black Nightshade) भी ऐसा ही पौधा है, जो साधारण रूप से खेतों और फसलों के बीच उग जाता है. इसे बहुत लोग खरपतवार समझकर हटा देते हैं, लेकिन आयुर्वेद में मकोय को अत्यंत उपयोगी औषधि माना गया है. इसके छोटे-छोटे काले फल, पत्ते और जड़ें औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. प्राचीन चिकित्सा पद्धति में इसका उपयोग बुखार, त्वचा रोग, पीलिया, सांस की समस्या और पाचन तंत्र को सुधारने के लिए किया जाता रहा है. आधुनिक समय में भी इसके गुण वैज्ञानिक शोधों से प्रमाणित किए जा रहे हैं, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ गई है.

त्रिदोष नाशक

Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित कायाकल्प हर्बल क्लीनिक के डॉ. राजकुमार (आयुष) बताते हैं कि मकोय में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करते हैं. इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो संक्रमण और सूजन से लड़ने में मदद करते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, मकोय त्रिदोष नाशक है यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करता है. यही कारण है कि यह विभिन्न प्रकार के रोगों में उपयोगी माना जाता है.

लीवर रखे चुस्त, भूख भी बढ़ाए

मकोय का उपयोग प्राचीन समय से ही बुखार के इलाज में किया जाता रहा है. इसके पत्तों और फलों का सेवन शरीर का तापमान नियंत्रित करने में सहायक होता है. यह शरीर की इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है, जिससे संक्रमण बार-बार नहीं होता. नियमित रूप से मकोई का सेवन करने से सर्दी-जुकाम और वायरल जैसी बीमारियों से बचाव संभव है. आयुर्वेद में मकोय को पाचन क्रिया को सुधारने वाला माना गया है. इसके सेवन से भूख बढ़ती है और अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. यह लीवर को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है और पीलिया जैसी गंभीर समस्या के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है. मकोय के रस को लीवर डिटॉक्स करने वाली प्राकृतिक औषधि माना जाता है.
इन रोगों में संजीवनी 

मकोय का एक प्रमुख लाभ त्वचा रोगों में देखने को मिलता है. इसके पत्तों का लेप फोड़े-फुंसी, दाद और खुजली में लगाया जाता है. इसके फलों का सेवन त्वचा को भीतर से साफ करता है और चेहरे पर निखार लाता है. मुंह के छालों और जलन में भी मकोई के रस का प्रयोग करने से राहत मिलती है. मकोई का उपयोग जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में भी किया जाता है. इसके औषधीय गुण शरीर में जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करते हैं, जिससे गठिया जैसी समस्याओं में आराम मिलता है. सांस संबंधी रोगों जैसे अस्थमा और खांसी में भी मकोय को फायदेमंद माना जाता है.

Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

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घास-फूस नहीं ये सचमुच की संजीवनी, फोड़े-फुंसी से लेकर दाद-खुजली तक में रामबाण


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