Home Lifestyle Health चॉकलेट, आइस्क्रीम, लाइमजूस, टॉफियां…आपके बच्चों के लिए है खरतनाक, खिलाने से पहले...

चॉकलेट, आइस्क्रीम, लाइमजूस, टॉफियां…आपके बच्चों के लिए है खरतनाक, खिलाने से पहले लें डॉक्टर की सलाह

0


इंदौर: बच्चों की अच्छी सेहत और मजबूत दांतों के लिए यह जरूरी है कि उनकी डाइट और खाने की आदतों पर ध्यान दिया जाए. इंदौर के प्रमुख दंत चिकित्सक डॉ. विशाल खंडेलवाल का कहना है कि बच्चों के शुरुआती दिनों में शुगर से दूरी बनाए रखना बेहद फायदेमंद होता है. डॉक्टरों के मुताबिक, शुगर को बच्चों के खानपान से जन्म के पहले 500 दिनों तक दूर रखना उनकी संपूर्ण सेहत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मीठे का सेवन कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.

शुगर से कैसे बढ़ रही हैं समस्याएं?
बच्चों को अक्सर उनकी मांग पर चॉकलेट्स, चिप्स, और अन्य तरह के पैकेज्ड फूड्स दिए जाते हैं, जोकि शुगर और अन्य हानिकारक केमिकल्स से भरपूर होते हैं. बच्चों में छोटे उम्र से ही शुगर की आदत पड़ने से उनके दांतों पर बुरा असर पड़ने लगता है. डॉक्टर खंडेलवाल बताते हैं कि बच्चों के 6 महीने के होते ही उन्हें अक्सर मीठी चीजों की आदत डाल दी जाती है, जबकि यह उनकी सेहत के लिए हानिकारक है.

अमेरिका के डॉक्टरों की सलाह
अमेरिका के कई डॉक्टरों ने शोध में पाया है कि बच्चों को डेढ़ साल या जन्म के पहले 500 दिनों तक शुगर की आदत नहीं डालनी चाहिए. इस अवधि के दौरान शुगर से दूरी बनाए रखने पर बच्चों में दांतों की सड़न, कैविटी, मसूड़ों की समस्याएं और अन्य बीमारियों से बचाव संभव है. बच्चों में अक्सर शुगर के कारण डिप्रेशन, डायबिटीज और दांतों की अन्य समस्याएं देखी जा रही हैं, इसलिए यह कदम उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

दूध के दांतों का महत्व और सही देखभाल
दूध के दांत आने वाले स्थायी दांतों को मार्गदर्शन देने का काम करते हैं, इसलिए उनकी सही देखभाल बेहद जरूरी है. अगर दूध के दांत खराब हो जाएं, तो इसका असर स्थायी दांतों की बनावट और मजबूती पर भी पड़ता है. इसीलिए बच्चों को बोतल की बजाय कटोरी या गिलास से दूध पिलाना, और दूध पीने के बाद कुल्ला करवाना उनके दांतों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है.

जंक फूड और शुगर से होने वाले खतरे
पिज्जा, बर्गर, और अन्य जंक फूड में उच्च मात्रा में शुगर, फ्रक्टोज़, केमिकल्स और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो बच्चों के दांतों और संपूर्ण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं. पल्पेक्टॉमी जैसी दंत समस्याएं भी जंक फूड और शुगर के अधिक सेवन के कारण बढ़ रही हैं. कई बार बच्चों में सड़न इतनी बढ़ जाती है कि उन्हें रूट कैनाल जैसे उपचार से गुजरना पड़ता है.

बच्चों की दांतों की सेहत के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
बच्चों की दांतों की सेहत के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है:

दांतों की सफाई – बच्चों को दिन में दो बार ब्रश करवाना चाहिए, खासकर रात में सोने से पहले.
कुल्ला करना – रात को दूध पीने के बाद बच्चों को कुल्ला कराएं, ताकि दूध और शुगर के एसिड का दांतों पर असर न पड़े.
ब्रेसेज का उपयोग – अगर दांत टेढ़े-मेढ़े निकलें, तो समय रहते उन्हें ब्रेसेज के जरिए सीधा करवाना चाहिए.
दंत चिकित्सक से नियमित जांच – समय-समय पर डॉक्टर से बच्चों के दांतों की जांच करवाएं ताकि किसी भी सड़न या समस्या का तुरंत इलाज हो सके.
संतुलित आहार – बच्चों को कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन्स से भरपूर आहार देना चाहिए, ताकि उनके दांत और हड्डियां मजबूत रहें.
शुगर की आदत से रखें दूर
शुगर से बच्चों को जन्म के 500 दिनों तक दूर रखना उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, फास्ट फूड और अत्यधिक मीठे पदार्थ जैसे टॉफी, कैंडी, और चॉकलेट से भी दूरी बनाए रखना बेहतर होगा. बच्चों को रोजाना पर्याप्त न्यूट्रिशन देने के लिए फलों और सब्जियों को प्राथमिकता दें, जोकि उन्हें जरूरी पोषक तत्व प्रदान करेंगे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-health-tips-keep-sugar-away-from-infant-kids-till-500-days-of-birth-local18-8802281.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version