Safety tips against Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है. बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी एयर क्वालिटी के चलते सिर्फ बीमार लोगों को ही नहीं बल्कि स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं स्वस्थ लोगों को गले और आंखों में परेशानी होने के साथ ही खांसी और जुकाम की शिकायतें भी देखने को मिल रही हैं. बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर हाल ही में एम्स के पूर्व डॉक्टर और पीएसआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी क्रिटकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन डॉ. गोपीचंद खिलनानी ने लोगों को सलाह दी थी कि अगर संभव हो सके तो 6 से 8 हफ्तों के लिए दिल्ली छोड़कर चले जाएं और अपनी सेहत को दुरुस्त रखें.
लेकिन यहां रहने वाले ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो इस शहर को छोड़कर नहीं जा सकते हैं और उन्हें यहीं रहना होगा. ऐसे में यहां रहकर कैसे खुद को प्रदूषण से बचा सकते हैं? क्या इसके लिए एयर प्यूरीफायर सबसे सही विकल्प हैं. आइए जानते हैं डॉक्टर खिलनानी ने इस बारे में क्या कहा..
लेकिन जिस बारे में कम बात की जाती है, वह नैनोपार्टिकल्स होते हैं यानि बेहद ही छोटे कण जो 0.1 माइक्रॉन से भी छोटे होते हैं. ये सिर्फ रिसर्च में ही मापे जा सकते हैं. ये सांस की नलियों और फेफड़ों की झिल्ली को पार करके खून में चले जाते हैं, और फिर शरीर के अलग-अलग हिस्सों जैसे दिमाग, दिल, किडनी और आंतों तक पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं. इसी तरह गैसें जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) और सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) भी नुकसान पहुंचाती हैं.
यहीं रहकर ऐसे करें बचाव
. धुंध या स्मॉग हो तो घर से बाहर न निकलें. जब भी घर से बाहर निकलें तो एन95 मास्क पहनकर ही बाहर निकलें. बिना मास्क के बाहर जाना अवॉइड करें.
. इस समय मॉर्निंग वॉक अवॉइड करें, वहीं शाम को भी घूमने और टहलने के लिए घरों से बाहर न निकलें क्योंकि इसी समय पर प्रदूषण तत्व सबसे ज्यादा रहते हैं.
. भीड़भाड़ वाली जगहों और बाजारों में जाने से बचें.
. हवाई यात्रा कर रहे हैं तो भी मास्क का प्रयोग जरूर करें.
. घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. हालांकि इसके लिए कुछ पैरामीटर्स हैं उनका पालन जरूर करें.
क्या एयर प्यूरीफायर है सेफ विकल्प
वे कहते हैं कि एयर प्यूरीफायर में एक फिल्टर होता है, और अच्छे एयर प्यूरीफायर में एक ऐसा पदार्थ होता है जो गैसों को रोक लेता है, यह गैसों को अपनी सतह पर रोककर हवा को साफ बनाता है इसलिए जो हवा बाहर निकलती है, वह ज्यादा साफ होती है. इसे हमेशा चालू रखना चाहिए. इस दौरान कमरा पूरी तरह बंद रहना चाहिए. अगर दरवाज़ा बार-बार खुलता रहेगा और लोग अंदर-बाहर आते-जाते रहेंगे, तो एयर प्यूरीफायर का असर बेकार हो जाएगा. हालांकि मैं यह नहीं मानता कि एयर प्यूरीफायर से सेहत में सीधा सुधार होता है लेकिन मेरी राय यह है कि जिन लोगों की उम्र ज्यादा है, या जिन्हें पुरानी दिल की बीमारी, फेफड़ों की या सांस की बीमारी है वे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-those-can-not-leave-delhi-how-can-they-excape-from-worse-air-quality-and-pollution-who-member-dr-gc-khilnani-explains-also-on-air-purifier-ws-kl-9820046.html
