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टूटी-फूटी हड्डियों का रामबाण इलाज है ये पौधा! घर पर लेप बनाकर ऐसे करें इलाज, 4 हफ्ते में हो जाएंगे फिट

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सीतामढ़ी:- क्या कभी आपने सोचा है कि पहले के समय में अगर हड्डियां टूट जाती थी, तो लोग कैसे जोड़ते थे? आज आपको Bharat.one ऐसे ही एक पौधे के बारे में बताने वाला है, जिसकी मदद से आप हडि्डयों को जोड़ सकते हैं. पहले के लोग इसी पौधे की मदद से हडि्डयों को जोड़ते थे. इससे हड्‌डियों को कैसे जोड़ते हैं, इसको को लेकर आयुर्वेदाचार्य रुपेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस पौधे का नाम हड़जोड़ है. ये एक बेल होती है, जो घर में आसानी से लग जाती है.

इस पौधे की मदद से कंपाउंड फ्रैक्चर ठीक नहीं किया जा सकता. लेकिन सिंगल हड्‌डी ब्रेक को ठीक किया जा सकता है. इसके लिए पौधे की पत्तियां और स्टेम का यूज किया जाता है.  इस पौधे की मदद से उन्होंने कई पेशेंट का इलाज किया है. जो पेशेंट महंगा ट्रीटमेंट अफोर्ड नहीं कर पाते, उनको हम ये ट्रीटमेंट देते हैं. छोटे बच्चों के लिए भी ये ट्रीटमेंट अच्छा होता है.


कैसे करना है यूज
इस पौधे की पत्तियों को सूखाकर पीस लें. पत्तियों के बराबर उदड़ दाल भी मिलाकर पीस लें. अब इसका गीला पेस्ट बना लें. अब बांस की लकड़ी की मदद से हड्‌डी को सीधी कर लें और इसके बाद कॉटन के कपड़े पर ये लेप लगाकर कपड़ा बांध दें. ऊपर से बांस की लकड़ी को कुशा के सहारे बांध दें. कुशा देसी घास होती है. हर तीसरे दिन इस लेप को चेंज करना है. यह पौधा चतुष्कोणीय तने में हृदय के आकार वाली पत्तियां होती हैं, जिसमें छोटे फूल लगते हैं. पत्तियां छोटी-छोटी होती हैं और लाल रंग के मटर के दाने के बराबर फल लगते हैं. यह बरसात में फूलती है और जाड़े में फल आते हैं.


इन तरीकों से किया जाता है सेवन
आयुर्वेदाचार्य रुपेश चतुर्वेदी ने Bharat.one को बताया कि इसके साथ आपको इसकी पत्तियों के साथ छोटी पीपली, गेहूं का भुना हुआ आटा, अर्जुन की छाल सभी को इक्वल क्वांटिटी में लेकर बारीक पीस लेना है. अगर आपका वजन 60 किलो है, तो वजन के 6 ग्राम चूर्ण को घी के साथ मिक्स कर लें. इसे खाकर हल्दी वाला दूध पी लें. दूध में शक्कर या हनी डाल लें. वही, ये उपाय टफ लग रहा है, तो आप हड़जोड़ पौधे की पत्तियों का 2 छोटा चम्मच रस 1 चम्मच घी के साथ मिक्स कर लें. फिर इसे खाकर 250ml दूध पी लें. लेप बांधने के साथ ही दोनों में से कोई भी एक उपाय आपको 4 हफ्ते तक करना है.


क्या है हदजोड़, जानें
हड़जोड़ को संस्कृत में ग्रंथिमांड और अस्थिसंहार कहते हैं. वही हिंदी में हड़जोड़, हड़संघारी, हड़जोड़ी और हड़जोरवा कहते हैं.  इसी तरह इंग्लिश में एडिबल स्टेमड वाइन (Edible stemmed vine) कहते हैं. बताया जाता है कि हड़जोड़ के अंदर नेचुरल कैल्शियम पाया जाता है, जो हडि्डयों को जोड़ने में मदद करता है. इसमें एंटीइंफ्लैमटरी गुण भी होते हैं, जो हाथ- पैर की सूजन और दर्द को कम करते हैं. हड़जोड़ में पाया जाने वाला कैल्शियम बांस के कैल्शियम के साथ मिलकर हड्‌डी जोड़ने में मदद करता है.

इन लोगो को हुआ है फायदा 
इस पौधे को लगाने वाले तरियानी के रविशंकर कुमार Bharat.one को बताते हैं कि आसपास के सैकड़ों लोग यहां से यह पौधा ले जा चुके हैं. वहीं, विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि इसका उपयोग दोनों पति-पत्नी करते हैं. दोनो लोग मुंबई रहते थे, तब योग गुरु रामदेव बाबा से इसकी जानकारी मिली थी. अब उन्हें इससे काफी फायदा हुआ है और बराबर इसका यूज करते हैं. वहीं, अनिल कुमार सिंह ने बताया कि हमारे बगल के पड़ोसी का पैर टूट गया था, हम उसका पौधा लगाए हैं. उसमें से उन्हें दिया और उपयोग बताया, जिससे एक महीने में उनका पैर ठीक हो गया.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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