Sunday, September 28, 2025
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ठंड के मौसम में शरीर ज्यादा ही ठंडा हो जाता है, तो लकवा के हो सकते हैं लक्षण! आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती



रायपुर :- कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनके कारण इंसान को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उन्हीं बीमारियों में से एक है लकवा, जो काफी खतरनाक बीमारी है, तो आज हम आपको ऐसे वैद्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से इसका इलाज करते हैं.

दरअसल छत्तीसगढ़ के जंगलों में कई ऐसी जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनका उपयोग पुराने समय से गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है. प्रदेश के कुछ स्थानीय प्रमाणित वैद्यराज आज भी परंपरागत तरीकों से लकवा यानी पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी का इलाज कर रहे हैं. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में वैद्यराज जड़ी-बूटियों से बने विशेष औषधीय तेल, पेस्ट और काढ़े का उपयोग कर लकवे के मरीजों का इलाज करते हैं. इन्हीं में से एक वैद्यराज दशरथ नेताम हैं, जिनके द्वारा लकवा का इलाज किया जाता है.

हाथ पैरों में झनझनाहट से होती है लकवा की शुरुआत
कांकेर जिले के ग्राम बांधा निवासी प्रमाणित वैद्यराज दशरथ नेताम ने बताया, कि लकवा की शुरुआत हाथ पैरों में झनझनाहट से होती है. इसी समय में अगर सही इलाज किया जाए तो लकवा नहीं होता है. वहीं ठंड के मौसम या बारिश होने के दौरान शरीर ज्यादा ही ठंडा हो जाता है यह इसका लक्षण है. शरीर के साथ-साथ हड्डी और नस भी ठंडे पड़ जाती हैं. आगे वे कहते हैं, कि आयुर्वेद पद्धति से लकवा का इलाज करते हुए हमने अलग-अलग प्रकार के लकवा मरीज देखे हैं. एक लकवा वह होता है, जिसमें मुंह टेढ़ा हो जाता है, ऐसे लोग न चल पाते हैं, ना और कुछ कर पाते हैं.

ऐसे बनाते हैं औषधि
आगे उन्होंने बताया, कि एक सामान्य लकवा होता है, जिसमें डंडे के सहारे से चलते -फिरते हैं. ऐसे लोगों के इलाज के लिए कोचेला के बीज का इस्तेमाल होता है. इसका पाउडर बनाकर व छिलके के साथ लहसुन मिलाकर मालिश के लिए तेल दिया जाता है. इसके अलावा सरसों का तेल, कोसम, करन, नीम जैसी 4 -5 औषधियों के तेल में जड़ी बूटियां मिलाकर दवाई तैयार की जाती है. पांच किलो जड़ी बूटियों से ढ़ाई किलो दवा तैयार होती है. लकवा के मरीजों के शरीर में खून की कमी भी हो जाती है, इसके लिए अडूसा से तैयार औषधि दी जाती है. अडूसा को 24 घंटे ढंक कर पकाया जाता है, और औषधि बनाई जाती है. वहीं अधिक जानकारी के लिए वैद्यराज के मोबाइल नंबर 9302605857 पर आप संपर्क कर सकते हैं.


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https://hindi.news18.com/news/chhattisgarh/raipur-local18-news-these-doctors-of-chhattisgarh-treat-paralysis-with-herbs-local18-8944416.html

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