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निमोनिया में जादू की तरह काम करती है ये चाय! डॉक्टर भी मानते हैं फायदेमंद, रोजाना पीने से दिखेगा फर्क – Uttarakhand News


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Nilgiri Chai Benefits: नीलगिरी की पत्तियों से बनी चाय निमोनिया के दौरान होने वाली खांसी, बलगम और सांस लेने में होने वाली परेशानी में प्राकृतिक राहत दे सकती है. नीलगिरी में मौजूद यूकेलिप्टोल एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और सूजन कम करने वाले गुणों से भरपूर होता है, जो फेफड़ों में जमा बलगम को ढीला कर सांस लेना आसान बनाता है.

neelgiri tea

निमोनिया एक गंभीर श्वसन संक्रमण है, जिसमें फेफड़ों में सूजन आ जाती है और सांस लेने में परेशानी होने लगती है. सर्दी-खांसी, बुखार, सीने में दर्द और बलगम जमना इसके आम लक्षण हैं. आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में नीलगिरी को श्वसन रोगों के लिए बेहद उपयोगी माना गया है. इसकी पत्तियों से बनी चाय अपने औषधीय गुणों के कारण निमोनिया में सहायक उपचार के रूप में मदद कर सकती है.

what is neelgiri and its qualities

नीलगिरी एक सुगंधित औषधीय पौधा है, जिसकी पत्तियों में यूकेलिप्टोल नामक तत्व पाया जाता है. यह तत्व एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और सूजन कम करने वाला होता है. इसी वजह से नीलगिरी का उपयोग खांसी, जुकाम, ब्रोंकाइटिस और सांस से जुड़ी कई समस्याओं में किया जाता है.

why the neelgiri tea is beneficial for pneumonia

नीलगिरी की चाय निमोनिया का इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों में राहत देने में सहायक साबित हो सकती है. यह चाय बलगम को पतला कर सांस लेना आसान बनाती है. इसके एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने में सहायता करते हैं. फेफड़ों में सूजन निमोनिया की सबसे बड़ी समस्या होती है, ऐसे में नीलगिरी की चाय सूजन कम करने में भी असर दिखा सकती है. इसके साथ ही यह इम्युनिटी को सपोर्ट करती है, जिससे शरीर बीमारी से जल्दी उभरता है.

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recipe of making neelgiri tea

नीलगिरी की चाय बनाने के लिए 2 से 3 ताजी या सूखी पत्तियां, 2 कप पानी, थोड़ा सा शहद और चाहें तो थोड़ा अदरक लिया जाता है. पानी को उबालकर उसमें नीलगिरी की पत्तियां डालें और इसे 5 से 7 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें. इसके बाद गैस बंद कर चाय को छान लें और हल्का ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाकर पी लें. इस चाय को दिन में सिर्फ एक बार ही पीने की सलाह दी जाती है.

home remedy with neelgiri tea

नीलगिरी की कुछ पत्तियां या इसका तेल गर्म पानी में डालकर भाप लेने से फेफड़ों तक इसका असर जल्दी पहुंचता है. नीलगिरी की चाय में शहद मिलाने से खांसी में राहत मिलती है. इसके अलावा सूप, काढ़ा और गुनगुना पानी जैसे गर्म तरल पदार्थ का सेवन शरीर को आराम देता है. निमोनिया के दौरान पर्याप्त आराम करना बेहद जरूरी होता है, जिससे शरीर जल्दी रिकवर कर सके.

precautions while having nilgiri tea

नीलगिरी की पत्तियों को कच्चा या अधिक मात्रा में बिल्कुल सेवन न करें. गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए. अगर तेज बुखार, सांस बहुत ज्यादा फूलना या सीने में दर्द बढ़ने जैसी स्थिति हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. साथ ही यह याद रखें कि नीलगिरी की चाय एलोपैथिक इलाज का विकल्प नहीं है, बल्कि एक सहायक उपाय है.

First take the advice from the doctor

नीलगिरी की चाय अपने औषधीय गुणों की वजह से निमोनिया के लक्षणों में राहत देने में मदद कर सकती है. यह बलगम साफ करने, सांस लेने में आसानी और सूजन कम करने में सहायक होती है. हालांकि, निमोनिया गंभीर बीमारी है, इसलिए इस चाय को सिर्फ घरेलू सहायक उपाय के रूप में ही अपनाएं. डॉक्टर की दवा, सलाह और पर्याप्त आराम के साथ इसका सेवन किया जाए तो जल्दी सुधार देखने को मिलता है.

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निमोनिया में जादू की तरह काम करती है ये चाय! डॉक्टर भी मानते हैं फायदेमंद


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