Home Lifestyle Health प्रेग्नेंसी में करवाचौथ व्रत के दौरान रखें ये जरूरी सावधानियां

प्रेग्नेंसी में करवाचौथ व्रत के दौरान रखें ये जरूरी सावधानियां

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Health, करवाचौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है. लेकिन जब बात गर्भवती महिलाओं की आती है, तो इस व्रत को लेकर विशेष सावधानियां बरतना जरूरी हो जाता है. डॉक्टरों की राय के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान करवाचौथ का व्रत रखना सभी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं होता, और यह उनकी तथा उनके शिशु की सेहत पर असर डाल सकता है.

प्रेग्नेंट महिला को करवाचौथ के व्रत में रखनी चाहिए ये सावधानियां

1.  डॉक्टर से सलाह जरूर लें

हर महिला की प्रेग्नेंसी अलग होती है. अगर किसी महिला को हाई बीपी, थायरॉइड, डायबिटीज़, एनीमिया या कोई अन्य मेडिकल स्थिति है, तो व्रत रखना जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है.

2.  निर्जला व्रत न रखें

गर्भावस्था में निर्जला व्रत (बिना पानी के उपवास) से डिहाइड्रेशन, थकान, और कमजोरी हो सकती है. इसके बजाय हल्का उपवास रखें जिसमें नारियल पानी, नींबू पानी, दूध, शिंकजी आदि लिया जा सके.

3.  सरगी में पोषणयुक्त आहार लें

व्रत की शुरुआत सरगी से होती है. इसमें ओट्स, दलिया, पोहा, फल, ड्राई फ्रूट्स जैसे ऊर्जा देने वाले और पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें ताकि दिनभर शरीर को जरूरी ऊर्जा मिलती रहे.

4.  पर्याप्त आराम करें

व्रत के दिन अधिक शारीरिक परिश्रम से बचें. शरीर को आराम दें और अगर थकान महसूस हो तो तुरंत विश्राम करें.

5.  बच्चे की मूवमेंट पर ध्यान दें

अगर व्रत के दौरान बच्चे की मूवमेंट सामान्य से कम लगे या कोई असहजता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

6.  मानसिक तनाव से बचें

व्रत के दौरान मानसिक तनाव या कमजोरी महसूस करना आम है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह हानिकारक हो सकता है. इसलिए खुद को शांत और सकारात्मक रखें.

7.  हाइड्रेशन बनाए रखें

अगर निर्जला व्रत नहीं रखा जा रहा है, तो दिनभर में तरल पदार्थ लेते रहें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.

किन परिस्थितियों में व्रत न रखें

  • हाई ब्लड प्रेशर
  • थायरॉइड या डायबिटीज़
  • एनीमिया (खून की कमी)
  • डॉक्टर द्वारा नियमित दवा या पोषण लेने की सलाह

करवाचौथ का व्रत आस्था और परंपरा का प्रतीक है, लेकिन गर्भवती महिला और उसके शिशु की सेहत सबसे महत्वपूर्ण है. अगर आप व्रत रखना चाहती हैं, तो इसे भावनात्मक रूप से हल्के उपवास के रूप में मनाएं और डॉक्टर की सलाह को प्राथमिकता दें. परिवार का सहयोग और समझ भी इस समय बेहद जरूरी होता है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-pregnant-women-should-take-these-precautions-during-the-karva-chauth-fast-otherwise-they-may-face-problems-know-these-precautions-ws-l-9682049.html

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