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Nerves Weakness Problem: बॉडी में नसें बिजली की तार तरह फैली हैं. ये पैर से लेकर सिर तक करंट जैसा एहसास कराती हैं. नसें कमजोर पड़ती हैं तो शरीर का कोई भी अंग ठीक से काम नहीं कर पाता है. परिणाम ये होता है कि बीम…और पढ़ें

नसों में क्यों आ जाती है कमजोरी? डॉक्टर से जानें. (Canva)
Nerves Weakness Problem: सेहतमंद रहने के लिए शरीर का हर अंग का सक्रिय होना बेहद जरूरी है. खासतौर पर बॉडी में बिजली की तार तरह फैली नसें. ये पैर से लेकर सिर तक करंट जैसा एहसास कराती हैं. नसें कमजोर पड़ती हैं तो शरीर का कोई भी अंग ठीक से काम नहीं कर पाता है. परिणाम ये होता है कि बीमारियों अपना शिकार बनाने आ जाती हैं. अब सोचो… इतने काम की नसें अगर कमजोर हो जाएं तो क्या होगा. शरीर में किन बीमारियों का बढ़ सकता जोखिम? लापरवाही किस तरह पड़ सकती भारी? इन्हीं सवालों को जानने के लिए Bharat.one ने अपोलो हॉस्पिटल नोएडा के न्यूरो सर्जन डॉ. अजय कुमार प्रजापति से बात की-
एक्सपर्ट के मुताबिक, नसें शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. ये शरीर के लगभग हर हिस्से में जटिल नेटवर्क बनाती हैं. हमारे शरीर में नसों के कई जरूरी काम होते हैं. इसलिए ध्यान रहे कि नसें कमजोर न होने पाएं. दरअसल, कई बार जानकारी के अभाव में लोग लक्षण दिखने के बाद भी नसों की कमजोरी को नजरअंदाज कर जाते हैं. इससे हमें कई बीमारियों का शिकार बनना पड़ता है. कई बार स्थिति खराब होने पर ऑपरेशन ही एकमात्र ऑप्शन बनता है.
नसों में क्यों आ जाती है कमजोरी
डॉ. प्रजापित के मुताबिक, नसें शरीर में एक नेटवर्क की तरह फैली होती हैं. शरीर में नसों की लंबाई लगभग 1 लाख किलोमीटर मीटर होती है. इसमें 50 हजार किलोमीटर खून की नलियां और 50 हजार किलोमीटर की नसें होती हैं. नसों की कमजोरी जो सामूहिक रूप से अलग-अलग नर्व डिसऑर्डर को डिफाइंड करते हैं. कुछ लोगों में शरीर के कुछ हिस्सों में नसों की कमजोरी परमानेंट या टेंपरेरी हो सकती हैं. रही बात नसों की कमजोरी की तो दिमाग, रीढ़ की हड्डी, अलग-अलग नसों और मांसपेशियों के बीच संबंध डैमेज कर सकता है. किसी भी व्यक्ति में नसों की कमजोरी की परेशानी अचानक या धीरे-धीरे पैदा होती है. इसलिए इनके लक्षणों को पहचान कर बचाव किया जा सकता है.
नसों में कमजोरी आने के कारण
डॉक्टर के मुताबिक, नसों में कमजोरी आने के कई बड़े कारण हो सकते हैं. इसमें स्लिप डिस्क, रीड़ की हड्डी का बढ़ना, स्पाइन में किसी प्रकार चोट आदि. ये सभी नसें स्पाइल कोड से होकर गुजरती हैं. ऐसे में रीढ़ की हड्डी का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है.
ये बीमारी होने से नसों की कमजोरी का खतरा
दिमाग में सूजन: एन्सेफेलाइटिस एक गंभीर दिमागी बीमारी हो सकती है, जिसका जल्द से जल्द इलाज करना बहुत जरूरी होता है. एन्सेफेलाइटिस यानी मस्तिष्क की सूजन आमतौर पर नसों से जुड़ी बीमारी है और नसों का कमजोर होना इसके पीछे का एक प्रमुख कारण हो सकता है. अगर आपकी नसें कमजोर पड़ रही हैं या फिर नसों में कोई अन्य बीमारी है, तो इसके कारण एन्सेफेलाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
मिर्गी के दौरे: बहुत ही कम लोग जानते हैं कि मिर्गी जैसी बीमारियों के पीछे भी नसों व तंत्रिकाओं जैसी बीमारियां हो सकती हैं. अगर आपकी नसें ठीक से काम नहीं कर रही है, तो मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है. नसों को हेल्दी रखना जरूरी है. अगर आपकी नसें सही रहती हैं, तो ये बीमारियां होने का खतरा भी काफी कम रहता है.
मल्टीपल स्क्लेरोसिस: अगर आपकी नसें कमजोर हैं, तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा क्योंकि इसके कारण नसें कमजोर पड़ने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर नसों के डैमेज होने के कारण होती है. मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचने के लिए नसों की कमजोरी को जल्द से जल्द दूर करना जरूरी है.
January 27, 2025, 16:11 IST
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