ठंड के मौसम में लोग अक्सर रात के खाने के बाद बर्तन सिंक में छोड़ देते हैं, लेकिन यह आदत आपकी सेहत और घर की ऊर्जा पर बुरा असर डाल सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि जूठे बर्तनों में लंबे समय तक बैक्टीरिया और वायरस पनपते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं.
जूठे बर्तनों से होने वाले खतरे
बैक्टीरिया और वायरस का घर:
जूठे बर्तनों पर सैल्मोनेला, लिस्टीरिया, ई-कोलाई जैसे खतरनाक बैक्टीरिया पनपते हैं.
यह बैक्टीरिया बर्तन धोने के बाद भी पूरी तरह खत्म नहीं होते और आपके खाने के जरिए पेट में पहुंच सकते हैं.
स्वास्थ्य पर असर:
बैक्टीरिया के कारण पेट दर्द, उल्टी, दस्त और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक है. गंभीर मामलों में यह गर्भपात या किडनी फेलियर जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार किचन को साफ रखना क्यों जरूरी है?
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार बताते हैं कि रात में किचन और बर्तनों को साफ रखना जरूरी है.
स्वास्थ्य और ऊर्जा पर असर:
गंदे बर्तनों और किचन में बैक्टीरिया से नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न होती है, जो पूरे घर को प्रभावित करती है.
यह नकारात्मक ऊर्जा परिवार के स्वास्थ्य और मनोदशा पर बुरा प्रभाव डालती है.
महिलाओं के लिए लाभकारी:
सुबह साफ किचन में काम करने से महिलाओं को पॉजिटिव एनर्जी मिलती है. इससे उनका मूड और स्वास्थ्य दोनों बेहतर रहते हैं.
किचन और बर्तनों को रात में साफ रखने के फायदे
स्वच्छता और स्वास्थ्य का संतुलन:
साफ किचन बैक्टीरिया और वायरस के पनपने से रोकता है.
इससे बीमारियों और संक्रमण का खतरा कम होता है.
घर की ऊर्जा में सुधार:
स्वच्छ किचन सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. यह घर के सदस्यों की मनोदशा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है.
सुबह की शुरुआत बेहतर:
साफ-सुथरे किचन में काम करने से महिलाओं को सुकून मिलता है और दिन की शुरुआत सकारात्मक होती है.
जूठे बर्तनों से नेगेटिव एनर्जी का असर
गंदे बर्तनों से निकलने वाले बैक्टीरिया और वायरस घर के वातावरण को दूषित कर सकते हैं. नेगेटिव एनर्जी से परिवार के सदस्यों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पूरे घर में फैल सकता है, जिससे घर का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है.
किचन साफ रखने के टिप्स
रात को बर्तन धोना न भूलें:
खाने के बाद तुरंत बर्तनों को धो लें.सिंक को साफ करें और उसमें फिनाइल या नींबू का पानी डालें. वेस्ट प्रोडक्ट्स को सही तरीके से बांधें . गीले कचरे को ढककर रखें ताकि बदबू और बैक्टीरिया न फैलें.
रात में किचन साफ करने के बाद एक दीपक या अगरबत्ती जलाएं. इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. परिवार के सभी सदस्यों को किचन और बर्तन साफ रखने की आदत डालें.
FIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 16:23 IST
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