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Patna Bariatric Surgery IGIMS: पटना के IGIMS में सारण की 53 वर्षीय महिला का मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास बैरिएट्रिक ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया. 100 किलो वजन और 39 बीएमआई से ग्रसित मरीज को मोटापे की गंभीर श्रेणी से राहत मिली है.

यह कहानी है सारण की रहने वाली 53 वर्षीय कंचन देवी की, जो लंबे समय से मोटापे की समस्या से जूझ रही थीं. पिछले 3 से 4 सालों में उनका वजन तेजी से बढ़कर 100 किलो तक पहुंच गया था.अधिक वजन की वजह से उन्हें सांस फूलना, खर्राटे और जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
इन समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने लाख उपाय किया, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं मिला. तब कंचन देवी ने पटना के IGIMS के गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के अपर प्राध्यापक डॉ. साकेत कुमार से अपना इलाज शुरू करवाया. शुरुआती जांच में उनका BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स 39 पाया गया. यह मोटापे की गंभीर श्रेणी (ग्रेड-2) में आता है. इसके बाद डॉ. साकेत ने एंडोक्राइन विशेषज्ञ डॉ. आनंद, श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. अरशद एजाज़ी और डाइटीशियन पल्लवी की सलाह से उनका इलाज शुरू किया. डायटिंग और एक्सरसाइज की मदद से एक महीने में उनका वजन घटकर 95 किलो तक आ गया. इसके बाद स्थायी समाधान के तौर पर बैरिएट्रिक सर्जरी की तैयारी की गई.
90 मिनट ऑपरेशन, दो दिन में डिस्चार्ज
पिछले बुधवार को डॉ. साकेत कुमार ने लैप्रोस्कोपिक तकनीक से उनका मिनी-गैस्ट्रिक बायपास ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया. करीब डेढ़ घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद दो दिन में ही कंचन देवी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई. अब वो बिल्कुल स्वस्थ्य हैं और कुछ ही दिनों में उनका वजन काफी कम हो गया है. सर्जरी टीम में डॉ. सुगीत, डॉ. सलमान, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. अन्नू चौधरी और डॉ. आकृति शामिल रहे.
आईजीआईएमएस के सुपरिटेंडेंट और विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि आईजीआईएमएस में बीते 4 वर्षों से बैरिएट्रिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है. मोटापे के इलाज के लिए हर शुक्रवार को ओबेसिटी क्लिनिक का संचालन भी किया जाता है. यहां मात्र 80-90 हजार रुपए के खर्च पर यह सर्जरी की जाती है और अब तक 25 से अधिक मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है.
क्या होता है मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी
मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास, बैरिएट्रिक सर्जरी की एक आधुनिक और प्रभावी तकनीक है. इसका इस्तेमाल मोटापे के स्थायी इलाज के लिए किया जाता है. इसके जरिए पेट का आकार छोटा कर दिया जाता है. इससे खाने की मात्रा अपने आप कम हो जाती है. आंत को जोड़ दिया जाता है ताकि खाना सीधे आंत में पहुंचे और कम कैलोरी के साथ पोषक तत्व शरीर में आसानी से पहुंच जाए. जब मरीज कम खाना खाएंगे और शरीर में कम कैलोरी आयेगी तो धीरे-धीरे वजन तेजी से घटने लगता है.

बृजेंद्र प्रताप सिंह का डिजिटल में लगभग 4 वर्षों का सफर रहा है. मेट्रो न्यूज 24 टीवी चैनल मुंबई, ईटीवी भारत, दैनिक भास्कर के अनुभव के साथ संप्रति News.in में सीनियर कंटेंट राइटर हैं. यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, हि…और पढ़ें
बृजेंद्र प्रताप सिंह का डिजिटल में लगभग 4 वर्षों का सफर रहा है. मेट्रो न्यूज 24 टीवी चैनल मुंबई, ईटीवी भारत, दैनिक भास्कर के अनुभव के साथ संप्रति News.in में सीनियर कंटेंट राइटर हैं. यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, हि… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-mini-gastric-bypass-bariatric-surgery-patna-sarkari-hospital-igims-know-cost-this-operation-local18-ws-kl-9619549.html