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Anxiety Bladder: टेंशन होते ही क्यों बेकाबू हो जाता है पेशाब? डॉक्टर से जानें इसके पीछे का विज्ञान


Urgent Need to Urinate: आपके पैरेंट्स ने अचानक आपकी शादी तय कर दी है और आप लंबे समय से किसी के साथ अफेयर में है. ऐसे समय में क्या होगा. आपको जबर्दस्त तनाव होगा. और इस तनाव में आपका पेशाब बेकाबू होने लगेगा. दरअसल, एंग्जाइटी या बेचैनी में पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है. कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है. अपोलो अस्पताल चेन्नई के यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप बाफना ने इसका उत्तर दिया है. साथ ही यह भी बताया कि इसे कैसे कंट्रोल करें.

क्यों होता है ऐसा? डॉक्टर से समझें साइंस

ब्रेन-ब्लैडर कनेक्शन: हमारे दिमाग और मूत्राशय के बीच सीधा संपर्क होता है. अपोलो अस्पताल, चेन्नई में यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप बाफना ने इसके लिए इंस्टाग्राम पर इसका कारण बताया है. तनाव के समय बेकाबू पेशाब या पेशाब करने की तीव्र इच्छा का सीधा संबंध दिमाग से जुड़ा हुआ है. दरअसल, आपके पेशाब के ब्लैडर और दिमाग के बीच सीधा कनेक्शन है. जब आप तनाव में होते हैं तो दिमाग में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जो पूरे शरीर की संवेदनशीलता को बहुत तेज कर देता है. इसी कारण ब्लैडर चाहे भरा हो या न भरा हो यह सिकुड़ने लगता है और अचानक पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है.

फाइट और फ्लाइट मोड: वहीं इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए यूरोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष हरिनाथ कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति तनाव या चिंता में होता है तो शरीर एड्रेनालिन और कॉर्टिसोल जैसे स्ट्रैस हार्मोन को रिलीज करता है. ये हार्मोन फाइट एंड फ्लाइट मोड में चला जाता है. यानी ये पूरे शरीर की नसों और मांसपेशियों को अतिसक्रिय हो जाता है. इससे मूत्राशय बेहद सिकुड़ जाता है और पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है.

ब्लैडर का सिकुड़ना: तनाव के कारण ब्लैडर की मांसपेशियां संकुचित (Contract) होने लगती हैं, जिससे वह खाली होने पर भी भरा हुआ महसूस होता है.

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

  • अगर आपको तनाव के अलावा ये समस्याएं भी हो रही हैं, तो सावधान हो जाएं:
  • पेशाब करते समय दर्द या जलन.
  • रात में सोते समय बार-बार पेशाब आना.
  • पेशाब रोक न पाना
  • नोट: ये लक्षण UTI (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) या ओवरएक्टिव ब्लैडर के भी हो सकते हैं. इसके लिए डॉक्टरों से दिखाना जरूरी

कैसे करें कंट्रोल?

मन को शांत करें: डॉ. बाफना बताते हैं कि इसके लिए मन और शरीर को समझना जरूरी है. इस परिस्थिति में आपको अपने मन को समझाना होगा. यही इस समस्या को संभालने की कुंजी है. जब भी इस तरह की परिस्थिति आए तो व्यक्ति खुद को बेबस या चिंतित महसूस न करे. सबसे पहली और अहम बात है कि इस परिस्थिति में मन को शांत रखें.

पानी पिएं : पानी के छोटे-छोटे घूंट लें. एकदम से ज्यादा पानी पीने के बजाय घूंट-घूंट कर पिएं. इससे मन को शांत करने में आसानी होगी.

माइंडफुलनेस: ध्यान, योग और गहरी सांस लेने के अभ्यास करें. ये आपके मूत्राशय के चक्र को रीसेट करने में मदद कर सकते हैं. इससे आप बेकाबू पेशाब पर नियंत्रण कर सकते हैं.

डॉक्टर से सलाह: इसके अलावा यदि घबराहट में आपको बार-बार पेशाब की तीव्र इच्छा होती है तो इसका मतलब है कि इसका कुछ और कारण है. इसके लिए आपको कई तरह की जांच करानी होगी और आपको डॉक्टरों के पास जाना होगा.

अगर बराबर हो तो क्या होगा

डॉ. हरिनाथ कहते हैं कि अगर पेशाब की तीव्र इच्छा बार-बार हो, नींद के दौरान भी हो पेशाब के रास्ते में दर्द और असहजता महसूस हो तो इसके कारण कुछ और हो सकते हैं. कुछ लोगों में यूटीआई यानी यूरेनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है. वहीं कुछ लोगों का ब्लैडर अतिसंवेदनशीलहो जाता है. इसमें तंत्रिका तंत्र अतिसक्रिय हो जाता है जिसके कारण बार-बार मूत्राशय सिकुड़ जाता है. वहीं कुछ लोगों में एंग्जाइटी डिसॉर्डर भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है. जिन लोगों का मूत्राशय पहले से संवेदनशील होता है या जिनकी तनाव को नियंत्रित करने की क्षमता कमजोर होती है, उन्हें भावनात्मक तनाव के दौरान पेशाब की तीव्र और बार-बार इच्छा अधिक महसूस होती है.

Ask to Expert

क्या घबराहट में बार-बार पेशाब आना सामान्य है?
नहीं, ऐसा सबके साथ नहीं होता. जिन लोगों का तंत्रिका तंत्र अतिसंवेदनशील है, यह उन लोगों को हो सकता है.

जिन्हें लगातार बार-बारे पेशाब आता है उन्हें क्या करना होगा
ऐसे लोगों को डॉक्टरों से संपर्क करना होगा. इसके लिए कुछ और कारण जिम्मेदार हो सकते हैं.

Anxiety Bladder को कैसे ठीक करें?
एंग्जाइटी ब्लैडर को ठीक करने के लिए मन को शांत करें, योग करें, ध्यान करें और डॉक्टरों से सलाह लें.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-what-is-anxiety-bladder-urgent-need-for-pee-urologist-dr-sandip-bafna-explain-brain-bladder-connection-and-science-9974819.html

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