गंदे पानी के कारण होने वाली बीमारी
1. डेंगू-डॉ. तुषार तायल ने बताया कि बारिश या बाढ़ के जलजमाव के कारण कई सारे बैक्टीरिया, पारासाइट और अन्य सूक्ष्मजीव पनप जाते हैं जो कई तरह की खतरनाक बीमारियों का कारण बनते हैं. इनमें सबसे पहले डेंगू की बात करते हैं. बारिश में हर साल डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है. डेंगू एक खास मच्छर के काटने से होता है जो DENV वायरस को इंसान के शरीर में छोड़ देता है. इसमें तेज बुखार और शरीर में तेज ऐंठन होने लगती है. साथ ही जी मितलाना और उल्टी जैसी समस्या होती है. मांसपेशियों में बहुत दर्द होता है और ज्वाइंट पेन भी करने लगता है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए.
3. मलेरिया-हम सब जानते हैं कि मलेरिया भी मच्छरों के काटने से ही होता है. गंदे पानी में मलेरिया वाले मच्छरों का प्रकोप बहुत बढ़ जाता है. यह मादा एनाफेलिज मच्छर के काटने से होता है.यह मच्छर इंसान के खून में प्लाज्मोडियम वाइवेक्स नाम के पारासाइट को छोड़ देता है. इसमें सिहरन के साथ बुखार, असहजता, जी मितलना, उल्टी, डायरिया, पेट में दर्द, ज्वाइंट पेन, सांस लेने में तकलीफ, धड़कन का बढ़ना, सर्दी-खांसी जैसे लक्षण दिखते हैं.

4. जापानी एंसेफ्लाइटिस-हाल के दिनों में जापानी एंसफ्लाइटिस का प्रकोप बढ़ा है. यह भी गंदे पानी के कारण होता है. यह भी गंदे पानी में पनपने वाले मच्छरों के कारण होता है. क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छर जब किसी इंसान को काटता है तो यह खून में एंसेफ्लाइटिस वायरस को छोड़ देता है जो बीमारी का कारण बनता है. इस बीमारी में भी बुखार, सिर दर्द और उल्टी होती है. लेकिन इसमें तेजी से कमजोरी हो जाती है और जल्द ही मरीज कॉमा में पहुंच जाता है. इसलिए ऐसी स्थिति में जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी अस्पताल पहुंचना चाहिए.
6.कॉलरा-गंदे पानी के कारण कॉलरा बेहद खतरनाक बीमारी है. यह वाइब्रो कॉलरी नाम के बैक्टीरिया से होता है. इसमें बहुत जबरदस्त तरीके से दस्त लग जाता है. इसमें दस्त पानी की तरह पतला हो जाता है जिसके कारण शरीर में पानी की बेहद कमी हो जाती है और इससे किडनी फेल्योर तक हो जाता है. इसलिए कॉलरा या हैजा को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसमें तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.

7. हेपटाइटिस-पानी से संबंधित हेपटाइटिस भी बेहद खतरनाक बीमारी है. यह जॉन्डिस से शुरू होता है और तेजी से लिवर को संक्रमित कर देता है. यह हेपटाइटिस वायरस के संक्रमण से होता है. यह वायरस दूषित पानी और फूड से फैलता है. इसमें तेजी से कमजोरी शुरू हो जाती है और अचानक उल्टी और डायरिया लग जाता है. इसमें पेट में तेज दर्द होता है. वहीं भूख नहीं लगती और मामूली बुखार भी रहता है. पेशाब का रंग डार्क हो जाता और ज्वाइंट पेन होने लगता है.
इन बीमारियों से कैसे बचें
डॉ. तुषार तायल ने बताया कि अगर आप खराब पानी वाले इलाके में रहते हैं और यह आपके इलाके में गंदगी है और बारिश भी हो रही है तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके लिए सबसे पहले आपको साफ-सफाई पर ध्यान देना होगा. इस स्थिति में सबसे ज्यादा दूषित पानी से बीमारी का खतरा रहता है. इसलिए पानी को उबाल कर पिएं या एकदम शुद्ध फिल्टर किया हुआ पानी पिएं. हमेशा मच्छरों से बचने की कोशिश करें. इसके लिए मच्छर वाली एंटी-मॉस्क्विटो क्रीम लगाएं या तेल लगाकर रहें. स्किन को ढक कर रखें. मच्छरदानी लगाकर सोएं. बाहर से कुछ लाते हैं तो उसे पहले पानी से साफ करें, फिर खाएं. इस तरह यह ध्यान रखें कि कहां से मच्छर पनप रहे हैं, उन सबको ठीक करें.
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