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Health News: अगर आप भी रोजाना लंबी ड्राइविंग करते हैं और घुटनों में लगातार दर्द महसूस करते हैं, तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें.तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें.सही ड्राइविंग पॉश्चर अपनाकर, नियमित व्यायाम और सावधानी से आप इस तकलीफदेह समस्या से बच सकते हैं.
कोरबा: आजकल हममें से कई लोगों की दिनचर्या में लंबी दूरी की ड्राइविंग शामिल हो गई है, चाहे वह नौकरी के सिलसिले में हो या रोज़मर्रा के कामों के लिए.लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना लगभग 2 घंटे से ज्यादा ड्राइविंग करना आपके घुटनों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है.यह आपको एक तकलीफदेह समस्या का शिकार बना सकता है जिसे आम बोलचाल में ‘ड्राइवर नी’ और चिकित्सीय भाषा में ‘पैटेलर टेंडिनोपैथी’ कहा जाता है.
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें घुटने की हड्डी (पैटेला) और घुटने व टखने के बीच की हड्डियों (टिबिया) को जोड़ने वाले टेंडन में सूजन आ जाती है.इसका मुख्य कारण है लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठकर ड्राइव करना.कार में बार-बार गियर बदलने, क्लच और ब्रेक दबाने से घुटनों पर लगातार दबाव पड़ता है. इस दोहराव वाले तनाव से घुटने की मांसपेशियां और टेंडन कमजोर हो जाते हैं, जिससे यह दर्दनाक स्थिति उत्पन्न होती है. अगर आपका ड्राइविंग पॉश्चर भी गलत है, तो इस समस्या के होने की संभावना और बढ़ जाती है.
पैटेलर टेंडिनोपैथी के लक्षण क्या हैं.
फिजियोथैरेपी डॉक्टर अमन श्रीवास्तव बताते हैं, “पैटेलर टेंडिनोपैथी में घुटने के ठीक नीचे वाले हिस्से में तेज दर्द और सूजन महसूस हो सकती है.शुरुआत में यह दर्द केवल दौड़ने, कूदने या सीढ़ियां चढ़ने जैसी गतिविधियों के दौरान होता है, लेकिन धीरे-धीरे यह आराम करते समय भी बना रह सकता है. इसके साथ और भी अन्य लक्षण देखने को मिल जाते है,घुटने में जकड़न और कमजोरी महसूस होना, जिससे लंबी दूरी तक चलना या दौड़ना मुश्किल हो जाता है. सुबह उठने पर या लंबे समय तक बैठने के बाद घुटने में अकड़न महसूस होना.
कैसे करें इलाज और बचाव
अच्छी बात यह है कि पैटेलर टेंडिनोपैथी का इलाज संभव है और इसमें दर्द कम करने, सूजन नियंत्रित करने तथा घुटने को दोबारा मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. घुटने पर जोर डालने वाली गतिविधियों से बचें और उसे पर्याप्त आराम दें. सूजन और दर्द कम करने के लिए बर्फ और गर्म सेंक का इस्तेमाल करें.डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवाएं ले सकते हैं, लेकिन स्व-चिकित्सा से बचें.
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह…और पढ़ें
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह… और पढ़ें
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