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Health Tips:जानवर हो या इंसान, लकवा बीमारी में रामबाण हैं ये नीली पत्तियां, एक्सपर्ट से जानें चबाने का तरीका

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Health Tips: आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बता रहे हैं जिससे लकवा जैसी बीमारी भी ठीक हो जाती है. दरअसल छतरपुर जिले में आज भी लोग अपराजिता की पत्तियों से लकवा जैसी बीमारी ठीक कर लेते हैं. साथ ही जानवरों का लकवा भी इन पत्तियों से ठीक हो जाता है. जानें सेवन का तरीका 

अपराजिता के पत्ते आपने अपने आसपास जरूर देखे होगें. इसके फूलों की खुशबू भी मनमोहक होती है. अपराजिता के फूल को शंखपुष्पी के नाम से जाना जाता है. यह नीले और सफेद रंग का फूल होता है.

अपराजिता के फूलों का ही नहीं, इसकी पत्तियों का भी इस्तेमाल कई तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है. अपराजिता के फूल, पत्ते और जड़ सभी का औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

लेकिन इसके पत्तों के खास उपयोग से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं. इसके पत्तों में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन ए, सी और ई पाए जाते हैं.

छतरपुर के रहने वाले वेदाचार्य पंडित राजकुमार शुक्ला बताते हैं कि अपराजिता पौधा अपने आप में अनोखा है. ये दुनिया का ऐसा दुर्लभ पौधा है जिसके औषधीय उपयोग जानकर हर कोई हैरान हो जाता है.

पंडित राजकुमार के मुताबिक अपराजिता की दो वैरायटी होती हैं जिसमें सफेद और नीला अपराजिता शामिल है. नीला और सफेद दोनों अपराजिता की पत्तियों से लकवा ठीक होता है. हमारे आसपास ज्यादातर नीला अपराजिता ही देखने को मिलता है. सफेद अपराजिता हर जगह देखने को नहीं मिलता है.

पंडित राजकुमार के अनुसार लगातार 8 दिन अपराजिता की मुठ्ठी भर पत्तियों को बांटकर पानी में घोलकर सेवन करने से इंसान और पशुओं का लकवा खत्म हो जाता है. अगर आप पिसी पत्तियों को पानी में घोलकर नहीं पीना चाहते हैं तो आप लगातार 8 दिन तक मुठ्ठी भर पत्तियों को भी चबा सकते हैं. 8 दिन सेवन के बाद इसका रिजल्ट आपको देखने को मिल जाएगा.

अपराजिता के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर रूप से होता है, जो आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर सकता है. इससे शरीर में ब्लड फ्लो अच्छा साबित हो सकता है. अगर आप अपने ब्लड सर्कुलेशन को अच्छा करना चाहते हैं, तो इसका सेवन कर सकते हैं.

साथ ही इसके सेवन से सिरदर्द और सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है. अस्थमा की समस्या में भी इसकी पत्तियों से काफी लाभ हो सकता है. अपराजिता के पत्तों का काढ़ा पीने से गले में होने वाली टॉन्सिल या घाव का इलाज किया जा सकता है. इसके लिए अपराजिता की 10 से 15 पत्तियां लें, इसे 1 गिलास पानी में डालकर आधा होने तक पकाएं. इसके बाद इसे चाय की तरह पिएं. इसका सेवन करने से गले के घाव को जल्दी कम किया जा सकता है.

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लकवा बीमारी में रामबाण हैं ये नीली पत्तियां, एक्सपर्ट से जानें चबाने का तरीका


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