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Health Tips: टॉयलेट सीट पर फोन चलाने से पाइल्स का खतरा 46% बढ़ जाता है. वेंकटेश्वर हॉस्पिटल के डॉ. रोहित गोयल की रिसर्च में यह सामने आया है, युवाओं में समस्या तेजी से बढ़ रही है.
जानें क्यों हो रहा है पाइल्स
इन लोगों की कोलोनोस्कोपी के दौरान पाइल्स की जांच की गई और उनसे उनकी जीवनशैली, खान-पान, शारीरिक गतिविधि, शौच की आदतों और मोबाइल के इस्तेमाल के बारे में सवाल पूछे गए, तो पता चला कि जिन लोगों ने टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल किया. उनमें से 37% लोग 5 मिनट से ज्यादा समय वहां बिताते हैं. वहीं, जो लोग बिना फोन जाते हैं, उनमें सिर्फ 7% लोग ही इतना समय बिताते हैं.
डॉ. रोहित का कहना है कि जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक टॉयलेट सीट पर बैठा रहता है, तो एनल टिश्यू पर लगातार दबाव पड़ता है. समय के साथ यह दबाव वहां की कनेक्टिव टिशूज को कमजोर कर देता है, जिससे नसें फूल जाती हैं और बवासीर की समस्या शुरू हो जाती है. वहीं, डॉ. रोहित ने यह भी बताया कि इस रिसर्च के मुताबिक पहले लोग टॉयलेट में अखबार या मैगजीन पढ़ा करते थे, लेकिन वे उतने एंगेजिंग नहीं होते थे, जितने आज के शॉर्ट वीडियो ऐप्स हैं.
उनका कहना है कि सोशल मीडिया के इन ऐप्स का पूरा मॉडल ही इस पर टिका है. यूजर को समय का एहसास ही ना हो. इसलिए उनका कहना है कि यह सब चीजें इस वक्त युवा ज्यादा कर रहे हैं. तभी युवाओं को एक उम्र से पहले ही पाइल्स होने का खतरा ज्यादा बढ़ चुका है. इसलिए अब लोगों को ध्यान देना होगा कि वे टॉयलेट में किस चीज के लिए जाते हैं. वहां पर कितना समय लगाते हैं, तभी वे इस बीमारी से बच सकते हैं.
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