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Lipid Profile Health tips : हर टेस्ट के बाद दवा जरूरी नहीं होती. सबसे जरूरी होता है डॉक्टर की सलाह और सही जीवनशैली, लेकिन आजकल इसके उल्टा हो रहा है. सेल्फ-हेल्थ ऐप्स के बढ़ते चलन के कारण लोग खुद से मेडिकल टेस्ट कराकर दवा लेने लगे हैं. खासकर लिपिड प्रोफाइल की रिपोर्ट के आधार पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवा खाना गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.
जौनपुर. इंटरनेट पर सेल्फ-हेल्थ ऐप्स के बढ़ते चलन के कारण लोग खुद से मेडिकल टेस्ट कराने और रिपोर्ट देखकर दवा लेने लगे हैं. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत कई बार शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. जौनपुर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हरेंद्र देव सिंह बताते हैं कि खासकर लिपिड प्रोफाइल (Lipid Profile) की रिपोर्ट के आधार पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवा खाना दिल और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. डॉ. सिंह के अनुसार, लिपिड प्रोफाइल एक ऐसा रक्त परीक्षण है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल और वसा से जुड़े तत्वों की मात्रा बताता है. इसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल), एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड्स की जांच होती है. इस जांच से दिल की सेहत का पता चलता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रिपोर्ट देखकर कोई भी व्यक्ति खुद दवा शुरू कर दे.
डॉ. हरेंद्र देव सिंह बताते हैं कि लिपिड प्रोफाइल की रिपोर्ट को समझने के लिए मेडिकल ज्ञान जरूरी है. हर व्यक्ति की उम्र, वजन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, खानपान और पारिवारिक इतिहास अलग होता है. ऐसे में एक जैसी रिपोर्ट पर सभी को एक जैसी दवा नहीं दी जा सकती.
कई लोग रिपोर्ट में एलडीएल थोड़ा बढ़ा देखकर तुरंत कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं (Statins) लेना शुरू कर देते हैं. इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स में मांसपेशियों में दर्द, लीवर डैमेज और थकान शामिल हैं. कुछ मामलों में तो किडनी पर भी असर पड़ सकता है.
डॉक्टर से सलाह क्यों जरूरी
डॉ. सिंह ने बताया कि लिपिड प्रोफाइल के आंकड़ों का मतलब तभी समझा जा सकता है जब डॉक्टर पूरे मरीज का मेडिकल इतिहास और अन्य टेस्ट को भी देखें. कई बार रिपोर्ट में थोड़ा बहुत अंतर डाइट, थकान या दवा के प्रभाव से भी आ सकता है. ऐसे में डॉक्टर कुछ दिनों बाद दोबारा जांच करवाने की सलाह देते हैं, न कि तुरंत दवा शुरू करने की. डॉ. सिंह कहते हैं कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स को केवल दवा से नहीं, बल्कि खानपान और दिनचर्या सुधारने से भी नियंत्रित किया जा सकता है.
बिना दवा करें क्या
तेल और तली चीजों का सेवन कम करें. रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें. तनाव और धूम्रपान से बचें. फाइबरयुक्त आहार लें, जैसे ओट्स, फल, सब्जियां. डॉ. हरेंद्र देव सिंह का कहना है कि हर टेस्ट के बाद दवा जरूरी नहीं होती. सबसे जरूरी होता है डॉक्टर की सलाह और सही जीवनशैली. गलत दवा न केवल बीमारी बढ़ा सकती है बल्कि शरीर को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकती है.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-self-checking-your-lipid-profile-taking-medication-dangerous-local18-9781378.html
