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Winter Health Tips: सर्दियों के मौसम में मिलने वाली यह दुर्लभ आयुर्वेदिक औषधि शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा देती है. केवल दो महीने उपलब्ध रहने वाली यह जड़ी-बूटी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, जोड़ों के दर्द को दूर करने और त्वचा को निखारने में मदद करती है. डॉक्टर इसे “विंटर वंडर मेडिसिन” भी कहते हैं.
सीकर. सर्दियों के मौसम में ऐसी अनेकों सब्जियां उगती हैं तो केवल इसी मौसम में मिलती हैं. ये खास सब्जियां किसी औषधीय जड़ी बूटियों से कम नहीं होती है. इन्हीं औषधीय सब्जियों में से एक है छोटी मेथी, यह एक साधारण सा दिखने लगता वाला खरपतवार है. इसे जंगली मेथी या तारिक की मेथी के नाम से भी जाना जाता है. इसके आयुर्वेद में अनेकों औषधीय फायदे हैं. छोटी मेथी अपने एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण शरीर के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है.
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि छोटी मेथी का सेवन सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखने और रोगों से बचाने का काम करता है. इसके अलावा इसमें मौजूद तत्व शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखते हैं, जिससे वजन नियंत्रित रहता है. यही नहीं, इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होने से यह पाचन क्रिया को मजबूत करती है और कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है. नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और थकान महसूस नहीं होती.
छोटी मेथी के पत्ते और बीज दोनों ही औषधि की तरह उपयोग में लाए जाते हैं. ग्रामीण इलाकों में मुख्य रूप से लोग इसके पत्तों की सब्जी बनाकर खाते हैं, जबकि कुछ लोग इसे सूखाकर चूर्ण के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं. छोटी मेथी का रस या काढ़ा सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी मौसमी बीमारियों में भी राहत देता है. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं, इसलिए बुजुर्गों के लिए यह एक प्राकृतिक औषधि मानी जाती है.
आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, छोटी मेथी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी कारगर औषधि मानी जाती है. यह शरीर में इंसुलिन की क्रिया को संतुलित करती है और डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होती है. वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स से लड़कर त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाए रखते हैं.
छोटी मेथी का सेवन अगर सीमित मात्रा में और सही तरीके से किया जाए, तो यह किसी टॉनिक से कम नहीं है. छोटी मेथी का सेवन सब्जी, सूप या चाय के रूप में उपयोग किया जा सकता है. यह छोटी सी जड़ी बूटी आज भी गांवों में पारंपरिक उपचार का अहम हिस्सा है. सर्दियों में जब शरीर को अधिक ऊर्जा और प्रतिरोधक क्षमता के काम में ली जाती है. ऐसे में यह किसी प्राकृतिक वरदान से कम नहीं है.
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि छोटी मेथी की सब्जी खाने में ही केवल स्वादिष्ट नहीं लगती है, यह सर्दी के समय गर्मी देती है. खास बात ये है कि यह साल में केवल दो महीने ही देखने को मिलती है. इसके बाद इसका पौधा मुरझा जाता है. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पत्तियों को स्टोर कर के रखते हैं. क्यूंकि सूखने के बाद इसकी पत्तियों के औषधीय गुण और भी अधिक बढ़ जाते हैं.
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