Knee Problems In Women : घुटने की समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में होती है, लेकिन रिसर्च में यह बात सामने आई है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में दो से आठ गुना ज्यादा घुटने की चोटों, जैसे ACL (Anterior Cruciate Ligament) इंजरी, ओस्टियोआर्थराइटिस और पैटेलोफेमोरल पेन सिंड्रोम का शिकार होती हैं. वेबएमडी के मुताबिक, शोध में पाया गया कि हर 10 में से 1 महिला कॉलेज एथलीट को हर साल घुटने में गंभीर चोट (usually an ACL tear) लग जाती है, जो पुरुषों की तुलना में 5 से 6 गुना ज्यादा है. आम खेल खेलने वाली महिलाओं में भी ये आम बात है; एक रिसर्च में पाया गया कि महिलाओं के घुटने की लिगामेंट्स को गंभीर चोट लगने का खतरा पुरुषों से करीब पांच गुना ज्यादा होता है.
ACL घुटने की चार मुख्य लिगामेंट्स में से एक है. यह जांघ की हड्डी और पिंडली को जोड़ता है और अचानक रुकने या दिशा बदलने जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करता है. फुटबॉल, बास्केटबॉल, टेनिस और सॉकर जैसी खेल गतिविधियों में यह चोट के लिए संवेदनशील होता है. ACL की चोट अक्सर बिना टकराव के भी हो जाती है. चोट लगने पर तेज़ दर्द, “पॉप” की आवाज़, सूजन और घुटने में कमजोरी जैसी समस्याएं सामने आती हैं.

महिलाओं में घुटने की समस्या क्यों ज्यादा होती है?
इसका कारण तीन मुख्य हैं:शारीरिक संरचना (Anatomy), बायोमैकेनिक्स (Gait & Movement) और हार्मोन.
शारीरिक संरचना यानी शरीर की बनावट: महिलाओं के कूल्हे अक्सर पुरुषों से बड़े होते हैं और उनके घुटने अंदर की ओर झुकते हैं (Knock-Kneed). यह पॉस्चर ACL पर अधिक दबाव डालता है. ACL की ऊतक सामग्री महिलाओं में पतली होती है, इसलिए चोट लगना आसान होता है.
बायोमैकेनिक्स: महिलाएं अक्सर सीधे पैर रखकर लैंडिंग करती हैं, जिससे घुटने स्ट्रेट रहते हैं और कोर मांसपेशियां कम सक्रिय होती हैं. पुरुषों के मुकाबले इससे घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है.
मांसपेशियों का संतुलन: महिलाओं में क्वाड्रिसेप्स (जांघ की आगे की मांसपेशियां) अक्सर हैमस्ट्रिंग्स (पीछे की मांसपेशियां) से मजबूत होती हैं. इस असंतुलन के कारण घुटनों पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है, खासकर हाई-इम्पैक्ट एक्सरसाइज के दौरान.
महिलाएं कैसे करें खुद का बचाव–
घुटने की समस्या को कम करने के लिए महिलाएं कुछ सावधानियां रख सकती हैं. जैसे:
- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और न्यूरोमस्कुलर ट्रेनिंग करना.
- कम इम्पैक्ट वाली एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, योग या साइक्लिंग.
- स्वस्थ वजन बनाए रखना.
- संतुलित भोजन और उचित फिटनेस रूटीन अपनाना.
उपचार के कुछ अन्य विकल्प-
-ACL की पूरी तरह से कट जाने वाली चोट खुद से ठीक नहीं होती.
-हल्की चोटों में वजन नियंत्रण, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और फिजियोथेरेपी मदद करती है.
-दर्द कम करने के लिए NSAIDs, कॉर्टिस्टेरॉइड या हायल्यूरोनिक एसिड इंजेक्शन दिए जा सकते हैं.
-गंभीर मामलों में सर्जरी जैसे आर्थ्रोस्कोपी, लिगामेंट रिपेयर या टोटल नी रिप्लेसमेंट की जरूरत पड़ सकती है.
यह साबित हो चुका है कि महिलाओं में घुटने की चोट के कारण अलग होते हैं, लेकिन सही सावधानी, व्यायाम और जीवनशैली अपनाकर इन समस्याओं से बचा जा सकता है. समय पर डॉक्टर से सलाह और उचित उपचार से आप अपने घुटने को लाइफ टाइम मजबूत रख सकती हैं और क्वालिटी लाइफ जी सकती हैं.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-why-women-experience-more-knee-problems-than-men-causes-and-prevention-tips-ws-eln-9768595.html