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वीकेंड पर आगरा जाने का है प्‍लान? ताजमहल के अलावा इन 5 प्राचीन मंदिरों में करें दर्शन, यादगार रहेगा ट्रिप

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Agra Famous Places: आगरा (Agra) शहर, अमर प्रेम की निशानी ताजमहल के लिए दुनिया भर में फेमस है. दुनिया के सात अजूबों में से एक, ताजमहल अपनी खूबसूरती के लिए हर साल करोड़ों टूरिस्‍ट का आकर्षित करता है. क्‍या आप जानते हैं कि आगरा में सिर्फ ताजमहल ही नहीं, बल्कि यहां कई अन्य ऐतिहासिक स्थल, संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र भी हैं, जो आपको इस शहर की समृद्ध इतिहास और संस्कृति को अनुभव करने का मौका देता है. तो अगर आप वीकेंड पर आगरा जाने का प्‍लान कर रहे हैं तो ताजमहल के अलावा इन 5 टूरिस्‍ट स्‍पॉट को जरूर देखने जाएं.

आगरा शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर सिकंदरा स्थित कैलाश महादेव मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक विरासत का एक अनमोल स्थल है. यह मंदिर यमुना नदी के समीप बना हुआ है. कैलाश मंदिर न केवल अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी अद्भुत कथाओं और अनूठी विशेषताओं के लिए भी जाना जाता है. यहां आने वाले हरएक भक्त की मनोकामनायें पूर्ण होती है. कैलाश महादेव मंदिर का इतिहास लगभग 5 हजार साल पुराना बताया जाता है. मंदिर के महंत निर्मल गिरी बताते हैं कि इस प्राचीन मंदिर की स्थापना खुद भगवान परशुराम और उनके पिता ऋषि जमदग्नि ने की थी. यह तथ्य इस मंदिर को न केवल एक धार्मिक स्थल बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी बनाता है. कैलाश महादेव मंदिर की सबसे विशेष बात यह है कि यहां दो शिवलिंग हैं. भारत के केवल कुछ ही मंदिरों में दो शिवलिंग एक साथ देखने को मिलती है. अगर आप भी आगरा आ रहे है तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करें…

आगरा का मनकामेश्वर मंदिर एक अत्यंत प्राचीन शिव मंदिरों में से एक है. बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान शिव शंकर ने द्वापर युग में की थी. कहा जाता है कि भगवान शिव जब मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए जा रहे थे. उस दौरान यह जगह एक जंगल की तरह थी. भगवान शिव यहाँ विश्राम के लिए रुके थे, जिसे आज मनकामेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर का नाम इस पौराणिक कथा से आया है कि भगवान शिव की मनोकामना पूरी हुई थी, और उन्होंने स्वयं इस स्थान पर शिवलिंग स्थापित किया, जिससे भक्तों की भी मनोकामना पूरी हो सके. यह मंदिर आगरा के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है और इसके चांदी से मढ़े शिवलिंग की पूजा की जाती है. शहर की बीचों बिच होने के कारण यह मंदिर बहुत मशहूर है. वर्तमान में यहाँ विदेशी पर्यटक भी इसके इतिहास और दर्शन करने आते है. आपकी भी है कोई मनोकामना तो इस मंदिर में दर्शन करने जरूर आएं…

आगरा का राजेश्वर मंदिर एक प्राचीन और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है. राजेश्वर मंदिर का इतिहास 900 साल पुराना बताया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक साहूकार अपने बैलगाड़ी में नर्मदा नदी से शिवलिंग ले जा रहा था. थकान के कारण साहूकार विश्राम के दौरान वहाँ रुक गया. बताया जाता है कि साहूकार उस शिवलिंग को वहीं स्थापित कर गया था. आज उस जगह पर भव्य शिव मंदिर है. जिसे राजेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना पहचाना जाता है. कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलती है. मंदिर में आने वाले भक्तो को दर्शन मात्र से उनकी हर एक मनोकामनाएं पूरी होती है. कहा जाता है कि सुबह की मंगला आरती के दौरान यह शिवलिंग सफेद दिखाई देती है. दोपहर की आरती के समय शिवलिंग हल्की नीली हो जाती है. शाम की आरती के समय यह शिवलिंग गुलाबी रंग का दिखाई देती है….

आगरा का ब्लकेश्वर स्थित ब्लकेश्वर महादेव मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है. यह मंदिर करीब 700 साल पुराना बताया जाता है. बताया जाता है कि करीब 700 साल पहले बिल्व पत्र के जंगल की कटाई हो रही थी उसी दौरान यमुना नदी के तट पर एक शिवलिंग मिला था. जिसके बाद उस शिवलिंग को वहां स्थापित कर दिया गया था. मान्यता है शिवलिंग के स्थापना के बाद खुद भगवान शिव वहां प्रकट हुए थे. आज इस मंदिर को ब्लकेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है. ब्लकेश्वर मंदिर आगरा के चार ऐतिहासिक शिव मंदिरों में से एक है. सावन के सोमवार पर यहां एक भव्य मेले का आयोजन होता है. मेले में हजारों की संख्या में शिव भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते है. यमुना नदी के समीप बना यह शिव मंदिर अपनी प्राचीनता और अद्धभुता के लिए विशेष माना जाता है. यहां आकर मांगी गई दुआ पुरी होती है. आप भी मंदिर आकर अपनी मनोकामना को पुरा कर सकते है…

आगरा का प्राचीन पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर 800 साल पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि एक बार पृथ्वीराज चौहान यहां से गुजर रहे थे, तब यहां जंगल हुआ करता था, उन्होंने अपना घोड़ा यहां बांध दिया, कुछ ही देर में घोड़ा खुल गया, उन्होंने कई बार घोड़े को बांधा, लेकिन हर बार वह खुल जाता था. घोड़े को बांधने के लिए जगह ढूंढ़ते समय उन्हें एक शिवलिंग दिखाई दिया. पृथ्वीराज चौहान ने शिवलिंग को बाहर निकालने के लिए खुदाई करना शुरू कर दिया, लेकिन उन्हें शिवलिंग का छोर नहीं मिला. इसके बाद पृथ्वीराज चौहान ने वहाँ पूजा शुरू की. उन्होंने ही यहां मंदिर की स्थापना की थी. आज इस मंदिर को पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में सोमवार को भक्तो की भीड़ उमड़ती है. कहा जाता है कि सच्चे मन से मांगी गई प्रत्येक मनोकामनायें पूर्ण होती है. यह मंदिर आगरा जिला मुख्यालय के कुछ ही दुरी पर बना है. शहर में होने के कारण इस मंदिर को हर कोई जानता है. आगरा के चारों कोनो में शिव मंदिरों में से एक यह मंदिर भी अपनी खास भूमिका अदा करता है…

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ताजमहल के अलावा ये हैं आगरा के फेमस पांच मंदिर, यहां जरूर करें एक बार दर्शन


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