Home Travel 85 की उम्र में उठाए थीं 80KG सामान, लगभग उखड़ चुकी थीं...

85 की उम्र में उठाए थीं 80KG सामान, लगभग उखड़ चुकी थीं उनकी सांसे, तभी… Air India ने फिर लिखी अमानवीयता की कहानी

0


Last Updated:

Air India News: महज 48 घंटे के अंतराल में एयर इंडिया ने अमानवीयता और संवेदनहीनता की नई कहानी लिख दी. इस बार कहानी भारत से 11,649 किमी दूर विदेशी धरती पर लिखी गई. 85 वर्षीय वयोवृद्धा के साथ हुई घटना को उनके पोते…और पढ़ें

Air India: 85 की उम्र में उठाए थीं 80 KG सामान, उखड़ चुकी थीं उनकी सांसे, फिर

हाइलाइट्स

  • दिल्‍ली से टोरंटो रवाना हुई फ्लाइट की है घटना.
  • 85 वर्षीय वृद्धा को होना पड़ा अमानवीयता का शिकार.
  • परिवार ने की डीजीसीए से घटना की शिकायत.

Air India News: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुई अमानवीय घटना की वजह से 82 वर्षीय राज पसरीचा अभी भी हॉस्पिटल के आईसीयू में जिंदगी के लिए जंग लड़ रही हैं. इस घटना को अभी लोग भूल भी नहीं पाए थे कि इससे पहले एयर इंडिया के एक स्‍टाफ ने संवेदनहीनता की नई कहानी लिख दी. इस बार यह घटना भारत के किसी एयरपोर्ट पर नहीं, बल्कि विदेशी धरती पर हुई है.

अमानवीयता और पराकाष्ठा की पार करने वाली इस घटना को लेकर 85 वर्षीय वृद्धा के पोते स्‍पर्श जैन ने दर्दनाक कहानी बयां की है. स्‍पर्श के अनुसार, 6 मार्च की तारीख़, जब मेरी 85 वर्षीय दादी ने नई दिल्ली से टोरंटो के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-189 में सफ़र शुरू किया. उम्र के इस पड़ाव पर, जहां हर कदम संभालकर रखना पड़ता है, हमने उनके लिए व्हीलचेयर असिस्‍टेंस का स्‍पेशल अरेंजमेंट किया था.

16 घंटे का सफर और एयर इंडिया पर भरोसा
सफ़र लंबा था, लेकिन हम निश्चिंत थे कि एयर इंडिया का स्टाफ़ उनका पूरा ध्यान रखेगा. नई दिल्ली से उड़ान भरने से लेकर टोरंटो पहुंचने तक सब कुछ ठीक ही लग रहा था, लेकिन जब वह टोरंटो एयरपोर्ट पहुंची तो वहां की हक़ीक़त ने हमें झकझोर कर रख दिया. एयर इंडिया के ग्राउंड स्टाफ़ ने उन्हें व्हीलचेयर पर एयरपोर्ट टर्मिनल तक पहुंचाया तो सही, लेकिन उन्हें सही बेल्ट पर ले जाने के बजाय, स्टाफ़ ने उन्हें वहां छोड़ दिया, जहां उनके फ्लाइट का सामान आना ही नहीं था!

हाथ में केवल एक हैंडबैग और कैरी-ऑन सूटकेस था और उम्र के कारण वह केवल छड़ी के सहारे ही चल सकती थीं. मगर एयर इंडिया के कर्मचारी ने बेरहमी से कह दिया, अब आगे आपको खुद संभालना होगा. यह कहकर वह व्हीलचेयर वापस ले गया. अब सोचिए, एक 85 साल की बुजुर्ग महिला 16 घंटे की थकाऊ यात्रा के बाद अकेली खड़ी हैं और आसपास मदद के लिए कोई नहीं है. उनके पास तीन बड़े बैग हैं, जिनका कुल वज़न 80 किलो से कम नहीं था.

अब उनकी हिम्‍मत पूरी तरह जवाब दे चुकी थी…
लेकिन कोई भी हाथ बढ़ाने को तैयार नहीं था. कुछ देर तक वे स्तब्ध सी खड़ी रहीं, समझने की कोशिश करती रहीं कि अब क्या करें. तभी टोरंटो पियरसन एयरपोर्ट के एक सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें देखा. यह इंसानियत अभी भी ज़िंदा थी. उस गार्ड ने उनका सामान उठाया, उन्हें सहारा दिया और धीरे-धीरे बाहर तक पहुंचाया. थकी हुई दादी को यह सफर तय करने में 30-40 मिनट लग गए और जब वे बाहर आईं, तब तक उनकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी.

यह घटना सिर्फ़ एक लापरवाही नहीं थी, बल्कि यह एयर इंडिया के स्टाफ़ की अमानवीयता और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा थी. जिस स्टाफ़ ने उन्हें व्हीलचेयर पर एयरपोर्ट में पहुंचाया था, उसी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया. क्या यही होता है एयर इंडिया का एक वरिष्ठ नागरिक का सम्मान?

homenation

Air India: 85 की उम्र में उठाए थीं 80 KG सामान, उखड़ चुकी थीं उनकी सांसे, फिर


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/nation/she-age-of-85-lifted-80kg-luggage-almost-out-of-breath-air-india-wrote-inhumanity-story-at-toronto-airport-9090212.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version